जोखिम न्यूनीकरण बाढ़ आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने बाढ़ के दौरान आपातकालीन किट का महत्व बताया

सिद्धार्थनगर जिला अधिकारी दीपक मीणा की पहल पर आई एनडीआरएफ की टीम जिले के सभी 14 ब्लॉक में बाढ़ से संबंधित जन जागरूकता का प्रशिक्षण दे रही है।  दिनांक 26/07/2019 को तहसील इटवा ब्लाक इटवा प्राथमिक विद्यालय कठेला सरकी में बाढ़ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम के दौरान विकास खंड अधिकारी सौरभ कुमार पांडे, आर आई अमरनाथ पांडे, ग्राम विकास अधिकारी अजय कुमार , लेखपाल ,आशा वर्कर , आपदा मित्र , ब्लाक के गांव- कठेला सरकी मद्रेहवा, तेनुआ भैंसही, ब्लाक भनवापुर - छेदी लाल इंटर कॉलेज बिस्कोहर एडीओ पंचायत वीरेंद्र प्रताप सिंह, वीडियो रामदेव भारती। अजय गुप्ता गांव- विसकोहा, परसोहन, देवीपुर, फूलपुर राजा, बसंतपुर, गोविंदपुर, दलपतपुर गांव के लोग भी शामिल रहे। टीम कमांडर रोहित कुमार भारद्वाज ,उपनिरीक्षक विक्रम सिंह, सहायक उपनिरीक्षक सभा चंद यादप्रशिक्षक दीपचंद जयसवाल राहुल रंजन संजीत साहनी मुकेश कुमार रत्नाकर मिश्रा प्रशिक्षक ने इस प्रशिक्षण के दौरान बताया कि बाढ़ आपदा से पहले तैयार किए जाने वाले आपातकालीन किट या सर्वाइवल किट के महत्व को बताया तथा उसमें क्या-क्या सामान रखा जाता है इसके बारे में भी अवगत कराया । आपातकालीन बैग या सर्वाइवल किट में रखे जाने वाला सामान-
जरूरी कागजात जैसे एजुकेशन शैक्षणिक कागजात, एटीएम, आधार कार्ड,पैन कार्ड, आई कार्ड,नगदी या जेवरात, जरूरी दवाइयां,रेडियो,मच्छरदानी,मोमबत्ती,कपड़े,खाने-पीने का सूखा सामान,ड्राई फ्रूट्स, यह सब सामान जल निरोधक बैग में रखना चाहिए तथा आपदा के समय ये बैग लेकर किसी सुरक्षित जगह में जाना चाहिये ।
बाढ़ आने से पूर्व की तैयारी, बाढ़ आने पर और बाढ़ आने के बाद क्या करना चाहिए इन सभी का प्रशिक्षण दिया गया। बाढ से पहले घर मे उपलब्ध सामान जैसे बोटल, नारियल, खाली जरीकन खाली ड्रम, थर्माकोल, बम्बू, केला तना इत्यादि से तैरने वाली चीजें (राफ्ट) बनाकर रखी जा सकती हैं । जो बाढ के समय डूबने से बचाएगी ।अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने के 4 उपाय के बारे में बताया - घाव को सीधा दबाकर व पट्टी बांधकर, दिल की ऊंचाई से ऊपर उठाकर, प्रेशर प्वाइंट को दबाकर रक्त बंध या प्रेशर बैंडेज बांध कर अत्याधिक बहते हुए खून को रोका जा सकता है ।और साथ में आकाशी बिजली के दौरान क्या करना चाहिए इसके बारे में भी बताया, सर्पदंश के प्राथमिक उपचार के बारे में भी बताया गया ।
सांप काटने पर क्या करें -
1. मरीज को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सांत्वना दें।
2. आपातकालीन सेवाओं के लिए 108 पर कॉल करें ।
3. सर्पदंश की जगह को पहचाने
काटी हुई जगह को डेटॉल और पानी से धुलाई करें ।
4. यदि सांप की काटी हुई जगह या घाव पर दांत फंसा हुआ है तो उसको धागे या लंबे बाल की मदद से घिसकर बाहर निकाले।
5. घाव से ऊपर की तरफ प्रैशर बैंडेज को बांधे ।
6. मरीज को जल्दी से जल्दी AVS(Anti venum serum) उपलब्धता वाले हॉस्पिटल में पहुंचायें ।
7. डॉक्टर को बताएं कि कौन से सांप ने काटा है ।
क्या न करें-
1. मरीज को सोने ना दे तथा चलने फिरने ना दें
2. मरीज को कुछ खाने पीने की चीज ना दें ।
3.मरीज को झाड़ फूंक करने वाले बाबाओं के पास न ले जाएं ।
4.घाव पर चीरा लगाकर मुंह से चूस कर विष को बाहर निकालने की कोशिश ना करें ।
हार्ट अटेक आ जाए तो क्या कार्रवाई करनी चाहिए। हार्ट अटैक आ जाए तो जीवन रक्षक प्रणाली सीपीआर के बारे में बताया जिसमें मरीज की छाती पर 30 बार दबाव डालकर तथा मुंह से मुंह लगाकर दो बार कृत्रिम सांस दिया जाता है जिससे दिल को दोबारा धङकने मे मदद मिलती है तथा बहुमूल्य जिन्दगी को बचाया जा सकता है । इसके बारे में प्रशिक्षण दिया।
टीम कमांडर
रोहित कुमार भारद्वाज
एनडीआरएफ
व्यपार मण्डल अध्यक्ष प्रभात जयसावल सुधीर तिवारी, अजय गुप्ता मोना पांडेय, मनीराम रहित काफी लोग मौजूद रहे। APWA NEWS मिंटू सिंह

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