राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में अधिकारियों की बैठक ली
लखनऊ: 30 जुलाई, 2019 उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन के समस्त अधिकारियों के साथ बैठक करके सभी का परिचय प्राप्त किया। राज्यपाल ने राजभवन के सभी प्रभागों की जानकारी प्राप्त की तथा कार्य को और अधिक अच्छे से करने के लिये कुछ सुझाव भी दिये। उन्होंने छोटी-छोटी बातों पर ध्यान आकर्षित करते हुऐ अपने अनुभव भी साझा किये।
राज्यपाल ने शिक्षा एवं उच्च शिक्षा से संबंधित मामले, चिकित्सा, उद्यान, गौशाला, राजभवन को प्राप्त होने वाले पत्रों आदि के बारे में बारीकी से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सलाह दी कि चिकित्सक राजभवन के कर्मचारियों के बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। अभिभावकों को उचित भोजन और बीमारी के उपचार के साथ-साथ रोग से बचने के उपायों से भी अवगत करायें। उन्होंने कहा कि राजभवन में कार्यरत रूपये 5 लाख से कम वार्षिक आय वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मी, संविदा कर्मी तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को चयनित करके ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के अंतर्गत उनके कार्ड बनवाने का कार्य किया जाये।
इस क्रम में श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के उद्यान और गौशाला को भी देखा। फलदार वृक्ष के नीचे गिरे फलों को देखकर उन्होंने सुझाव दिया कि फलों के पकने पर उन्हें सफाई से धोकर आंगनबाड़ी, प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को भी भेजा जा सकता है। गौशाला जाकर उन्होंने गायों को गुड़ और रोटी खिलाई तथा पशु चिकित्सकों से गायों के बारे में जानकारी भी ली।
राज्यपाल ने शिक्षा एवं उच्च शिक्षा से संबंधित मामले, चिकित्सा, उद्यान, गौशाला, राजभवन को प्राप्त होने वाले पत्रों आदि के बारे में बारीकी से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सलाह दी कि चिकित्सक राजभवन के कर्मचारियों के बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। अभिभावकों को उचित भोजन और बीमारी के उपचार के साथ-साथ रोग से बचने के उपायों से भी अवगत करायें। उन्होंने कहा कि राजभवन में कार्यरत रूपये 5 लाख से कम वार्षिक आय वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मी, संविदा कर्मी तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को चयनित करके ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के अंतर्गत उनके कार्ड बनवाने का कार्य किया जाये।
इस क्रम में श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के उद्यान और गौशाला को भी देखा। फलदार वृक्ष के नीचे गिरे फलों को देखकर उन्होंने सुझाव दिया कि फलों के पकने पर उन्हें सफाई से धोकर आंगनबाड़ी, प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को भी भेजा जा सकता है। गौशाला जाकर उन्होंने गायों को गुड़ और रोटी खिलाई तथा पशु चिकित्सकों से गायों के बारे में जानकारी भी ली।
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