अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रायबरेली की भूमि पर विद्यमान भवनों के ध्वस्तीकरण के सम्बन्ध में निर्णय

मंत्रिपरिषद ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रायबरेली की भूमि पर विद्यमान भवनों के ध्वस्तीकरण के सम्बन्ध में निर्णय लिया है। जिलाधिकारी रायबरेली की आख्या के अनुसार एम्स रायबरेली के निर्माण हेतु भारत सरकार को हस्तगत की गयी भूमि पर टाइप-1 के 47 एवं टाइप-3 के 29, कुल 76 जर्जर आवासीय भवन संसूचित किए गए हैं। एम्स रायबरेली को सुचारू रूप से संचालित किए जाने हेतु इन भवनों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। भवनों के ध्वस्तीकरण के फलस्वरूप 150.67 लाख रुपए की धनराशि को बट्टे खाते में डाला जाएगा। एम्स, रायबरेली के सुचारू रूप से संचालन हेतु इन भवनों के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश की जनता को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा जनपद-रायबरेली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना का निर्णय लिया गया था। एम्स की स्थापना हेतु नन्दगंज सिरोही शुगर मिल की 97.69 एकड़ भूमि भारत सरकार को दिनांक 27 जुलाई, 2013 को हस्तगत की जा चुकी है।एम्स, रायबरेली के निर्माण योजना के अन्तर्गत फेज-1 का कार्य पूर्ण करते हुए दिनांक 13 अगस्त, 2018 से स्टार्टअप ओ0पी0डी0 प्रारम्भ की जा चुकी है तथा वर्तमान में फेज-2, जिसके अन्तर्गत हास्पिटल तथा मेडिकल काॅलेज का निर्माण सम्मिलित है, का कार्य प्रगति पर है। इसके 03 अप्रैल, 2020 तक पूर्ण होने की सम्भावना है।एम्स रायबरेली का निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा कराते हुए रायबरेली एवं निकटवर्ती जनपदों के निवासियों को उच्चस्तरीय चिकित्सीय सुविधायें उपलब्ध करायी जा सकंेगी।x

Comments

मुख्य समाचार

योगी आदित्यनाथ के मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

राज्यपाल से मिले प्रशिक्षु आई0पी0एस0 अधिकारी..

वर्षांत समीक्षा 2018 - मानव संसाधन विकास मंत्रालय