आईएनएस तरकश एजेक्जेंड्रिया, मिस्र में (28 जनू – 1 जुलाई, 2019 )
मिस्र के साथ भारत की प्रतिबद्धता तथा भारतीय नौसेना की बढ़ती संचालन क्षमता को प्रदर्शित करते हुए भारतीय नौसेना का जहाज तरकश 28 जून, 2019 को तीन दिवसीय दौरे पर एजेक्जेंड्रिया पहुंचा। यह पश्चिमी बेड़े की विदेश में तैनाती कार्यक्रम का हिस्सा है।
तरकश की यात्रा के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए बैठक होगी। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सैन्य अधिकारियों से मुलाकात, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जहाज के नौसैनिकों का अदला-बदली कार्यक्रम तथा सर्वोत्तम अभ्यासों के बारे में विचार-विमर्श आदि कार्यक्रमों का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना और परस्पर सम्बन्धों को मजबूत बनाना है।
भारत और मिस्र विश्व की दो सबसे पुरानी सभ्यताएं हैं। दोनों देशों के बीच लम्बे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय समझौते हुए हैं। मिस्र की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अफ्रीका, एशिया और यूरोप के मध्य में स्थित है। महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग – लाल सागर से भूमध्य सागर, मिस्र के स्वेज नहर से होकर गुजरता है।
आईएनएस तरकश की कमान कैप्टन सतीश वासुदेव के हाथों में है। भारतीय नौसेना का यह आधुनिक जहाज सेंसर और हथियारों से लैस है, जो तीनों प्रकार के खतरों से निपटने में सक्षम है। यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है। इसके संचालन की जिम्मेदारी मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ पर है।
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