जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की रोहतक इकाई ने 146.62 करोड़ रुपये के कर योग्य मूल्य वाली वस्तुओं की वास्तविक आवाजाही हुए बगैर विभिन्न कंपनियों से फर्जी इन्वॉयस जारी करने में लिप्त पाए गए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की रोहतक (हरियाणा) इकाई ने 146.62 करोड़ रुपये के कर योग्य मूल्य वाली वस्तुओं की वास्तविक आवाजाही हुए बगैर विभिन्न कंपनियों से फर्जी इन्वॉयस जारी करने और 16.54 करोड़ रुपये के आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) को फर्जीवाड़े से दूसरों के खाते में डालने में लिप्त पाए गए पानीपत के एक व्यक्ति सनी सिंघल को गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति ने फर्जीवाड़े वाले इस आईटीसी को कुछ खरीदारों के खाते में डाल दिया जिन्होंने अपनी बाह्य आपूर्ति पर देय जीएसटी देनदारी की अदायगी में इसका इस्तेमाल किया। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य सरकारी राजकोष को चपत लगाना था। जांच के दौरान सिंघल ने यह माना कि इन फर्मों को उसके द्वारा ही विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर प्रोपराइटरशिप फर्मों के रूप में खोला गया था। सिंघल ने यह भी माना कि वह वस्तुओं की आवाजाही हुए बगैर ही बिलों को जारी करने का काम किया करता था, जिसके बदले में उसे कमीशन मिलता था।
सनी सिंघल को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत 25 जून, 2019 को गिरफ्तार किया गया और 26 जून,2019 को रोहतक अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने सिंघल को 9 जुलाई, 2019 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। फर्जी बिल जारी करने के इस गोरखधंधे में अब तक की गई जांच के दौरान जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की रोहतक इकाई ने चोरी किए गए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से 3.75 करोड़ रुपये की राशि वसूल की है। इस मामले में आगे की जांच प्रगति पर है।
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