केंद्रीय मंत्रिमंडल को जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और क्यूबा तथा भारत और कोरिया के बीच हुए दो द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों (एमओयू) से अवगत कराया गया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और क्यूबा तथा भारत और कोरिया के बीच हुए दो द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों (एमओयू) से अवगत कराया गया। इन समझौता ज्ञापनों पर क्रमश: 12 जून, 2018 को हवाना, क्यूबा तथा 9 जुलाई, 2018 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर हुए थे। क्यूबा और कोरिया के साथ हस्ताक्षर किए गए ये समझौता ज्ञापन क्रमश: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और उद्देश्यों के सहमत क्षेत्र में हैं, जहां देश में इन क्षेत्रों के विशेषज्ञ मौजूद हैं।
प्रमुख प्रभाव
इन समझौता ज्ञापनों पर जैव प्रौद्यागिकी शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में ठोस रणनीतिक योजना को शामिल करके एस एंड टी राजनैतिक कौशल में नवाचार के लिए सहयोग हेतु भविष्य की कार्यसूची को तैयार करने के लिए भारत और क्यूबा और भारत तथा कोरिया में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं। इस प्रस्ताव में जीवविज्ञान और संबंधित क्षेत्रों में पांच वर्ष की अवधि के लिए 50 से अधिक स्नातकोत्तरों और पीएचडी धारकों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है।
पृष्ठभूमि
भारत-क्यूबा सहयोग
भारत और क्यूबा ने भारत के राष्ट्रपति की हवाना, क्यूबा यात्रा के दौरान 22 जून, 2018 को जैव प्रौद्योगिकी में सहयोग को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय,भारत सरकार और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण मंत्रालय क्यूबा गणराज्य ने 22 जून, 2018 को हवाना में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
भारत-क्यूबा कोरिया गणराज्य सहयोग
भारत और कोरिया ने जैव-प्रौद्योगिकी और जैव-अर्थशास्त्र के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग को व्यापक और मजबूत बनाना और औद्योगिक अनुसंधान और विकास तथा संबंधित द्विपक्षीय निवेश प्रवाहों को प्रोत्साहन देना है।
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