केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 2000 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने वर्ष 2019 सीजन के लिए मिलिंग खोपरा’ की अच्‍छी औसत क्‍वालिटी (एफएक्‍यू) के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) को बढा़कर 9521 रूपये प्रति क्विंटल करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। वर्ष 2018 में इसका न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 7511 रूपये प्रति क्विंटल था। 2019 सीजन के लिए बाल खोपरा’ का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य भी बढा़कर 9920 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 2018 में इसका  न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 7750 रूपये प्रति क्विंटल था।
खोपरा के इस न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य से किसानों को उचित न्‍यूनतम मूल्‍य सुनिश्चित होने की उम्‍मीद है। इससे नारियल उत्‍पादन में निवेश बढ़ेगा और देश में उत्‍पादन और उत्‍पादकता को बढ़ावा मिलेगा।
एमएसपी में बढ़ोतरी की यह मंजूरी कृषि लागत और मूल्‍य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है। सीएसीपी एक विशेषज्ञ संकाय है, जो उत्‍पादन लागतखाद्य तेलों के घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्‍यों के रूखखोपरा और नारियल तेल की कुल मांग और आपूर्ति खोपरा की नारियल तेल में प्रोसेसिंग करने की लागत और उपभोक्‍ताओं पर सिफारिश किए गए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के प्रभाव को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की सिफारिश करते हुए ध्‍यान में रखती है।
राष्‍ट्रीय भारतीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) और राष्‍ट्रीय भारतीय सहकारी उपभोक्‍ता संघ (एनसीसीएफ) नारियल पैदावार वाले राज्‍यों में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों के बारे में मूल्‍य समर्थन परिचालनों के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में लगातार काम करते रहेंगे।

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