राज्यपाल ने निःशक्तजनों से संबंधित अध्यादेश पर स्वीकृति प्रदान की..

लखनऊः 21 जुलाई, 2018 उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य सरकार द्वारा प्रेषित ‘उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) (संशोधन) अध्यादेश 2018’ पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। मौजूदा समय में राज्य विधान मण्डल सत्र में न होने के कारण एवं विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने अध्यादेश पर विधिक परीक्षणोपरान्त अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
‘उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) (संशोधन) अध्यादेश 2018’ द्वारा पूर्व में अधिनियमित अधिनियम ‘उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) (संशोधन) अधिनियम, 1993’ में कतिपय धाराओं में संशोधन किया गया है। संबंधित विषय पर भारत सरकार द्वारा निःशक्तजन अधिकार अधिनियम, 2016 अधिनियमित किया गया था। भारत सरकार के अधिनियम में परिभाषित शारीरिक रूप से विकलांग की परिभाषा के अनुसार प्रदेश में अधिनियमित अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से शारीरिक रूप से विकलांग की परिभाषा के स्थान पर शारीरिक निःशक्तता के रूप में परिभाषित किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) (संशोधन) अधिनियम, 1993’ की धारा-3 की उपधारा (1) के खण्ड (दो) को प्रतिस्थापित कर निःशक्तता के ग्रस्त व्यक्तियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। लोक सेवाओं और पदों के प्रत्येक समूह में संवर्ग सदस्य संख्या में कुल रिक्तियों की संख्या का 4 प्रतिशत निःशक्त व्यक्तियों से भरा जायेगा जिसमें (क) दृष्टिहीन और कम दृष्टि, (ख) बधिर और श्रवण शक्ति ह्रास, (ग) प्रमस्तिष्कीय अंगघात, उपचारित कुष्ठ, बौनापन, एसिड आक्रमण पीड़ित और माँसपेशीय दुष्पोषण सहित चलन क्रिया संबंधी निःशक्तता से ग्रसित व्यक्तियों हेतु 1-1 प्रतिशत तथा (घ) स्वपरायणता, बौद्धिक निःशक्तता, विशिष्ट अधिगम निःशक्तता और मानसिक अस्वस्थता, (ड.) खण्ड (क) से (घ) के अधीन आने वाले व्यक्तियों में से बहुनिःशक्तता जिसके अन्तर्गत प्रत्येक निःशक्तता के लिए अभिज्ञानित पदों में बधिर-अन्धता सम्मिलित है, के लिए 1 प्रतिशत आरक्षित किया जायेगा।
अध्यादेश से संबंधित पत्रावली 20 जुलाई, 2018 को राज्यपाल के अनुमोदन हेतु राजभवन को प्राप्त हुई थी।
Comments