बिना जाँच ही इंस्पेक्टर गुडम्बा द्वारा 13 मई को भी पंजीकृत किया गया था एक अन्य फर्जी मुकदमा..
लखनऊ | देश के सर्वश्रेठ थानों में शुमार गुडम्बा पुलिस द्वारा काकडेहरी की घटना आरोप के आधार एवं तहरीर में नामजदगी के आधार पर घर में घटना से अनजान सो रहे पिता-पुत्र को को उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था घर वालो द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराये गए सीसीटीवीफुटेज एवं अन्य तथ्य जोकि दोनों के निर्दोष होने का साबुत दे रही थी से संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद पुरे मामले ने तूल पकड़ने पर पुलिस महानिरक्षक द्वारा फटकार के बाद जांच में पूरा मामला सामने आया था ठीक वैसा गुडम्बा पुलिस का अन्य मामला सामने आया है जिसमे दो महिलाओं के आपसी लेन -देन के मामले में सुलहनामा होने के पश्चात भी किरणलता नामक महिला की तहरीर एवं ब्यान पर पत्रकार सहित दो अन्य के विरुद्ध नामजद मुकदमा 13 मई को भी दर्ज किया गया था |
दरअसल ,थाना गुडम्बा के जानकीपुरम सेक्टर-एच निवासी महिला निशा निगम द्वारा किरणलता से लिए गए अस्सी हजार लौटाने के बाद भी किरणलता द्वारा जबरन पैसा देने का दबाव बनाने के चलते विगत 26 अप्रैल को गुडम्बा थाने में तहरीर दी गई थी | कार्यवाही न होने के चलते निशा निगम ने 156 (3) सीआरपीसी के तहत अपील की गई जिसके चलते गुडम्बा थाने पर निशा निगम को थाने पर बुलाया गया जिसके बाद निशा निगम ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट और अभद्रता की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की गई | वाट्सएप पर सूचना पाकर एवं दिए हुए नंबर 8005252058 पर महिला से सम्पर्क कर उपलब्ध कराये गए दास्तावेजों (बलरामपुर की मेडिकल रिपोर्ट व् उच्च अधिकारीयों को लिखा गया पत्र) के आधार पर पत्रकार ने खबर चलाई |
पीड़िता सहित पत्रकार पर दर्ज हुआ उलटा मुकदमा
उक्त मामले में गुडम्बा पुलिस द्वारा 156 (3 ) सीआरपीसी के तहत मुकदमा लिखे जाने के स्थान पर निशा निगम ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जबरन मारपीटकर व् दबाव बना सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए गए जब इसकी पत्रकार ने पुनः खबर चलाई तो किरणलता की तहरीर के आधार पर साजिशन पत्रकार सहित निशा निगम पर यौन शोषण कराने का झूठा मुकदमा लिख लिया गया | महिला द्वारा दी गई तहरीर में 23 अप्रैल को घटना स्थल पर पत्रकार कि मौजूदगी दर्शायी गयी है जबकि पत्रकार का कहना की वह दोनों पक्षों में से किसी से भी व्यक्तिगत रूप से नहीं मिला उसने निशा निगम से 13 मई को फोन पर सम्पर्क किया था साथ ही यह भी बताया कि 23 अप्रैल एक निजी कंस्ट्रक्शन कम्पनी के दफ्तर में था घर का पेट पालने के लिए वह इस कम्पनी में सहायक लेखाकार के पद पर काम करता है जिसका उपस्थिति विवरण भी मिडिया को उपलब्ध कराया है |
थाने में एक दिन पहले कर चुकी सुलहनामा
ज्ञात हो कि यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने जबरन पैसा वसूलने को लेकर निशा निगम तथा एक अन्य व्यक्ति द्वारा यौन शोषण का आरोप भी लगाया गया है जबकि महिला एक दिन पहले ही लिखित सुलहनामा कर लिया था | एवं सुलहनामा की तिथि तक किसी भी घटना का कोई भी जिक्र नहीं था और न ही पत्रकार का कोई पात्र था फिर अचानक महिला की तहरीर पु थानध्यक्ष द्वारा मुकदमा लिख लिया जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है |
Comments