डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह सम्पन्न..
डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के चतुर्थ दीक्षांत समारोह का उद्घाटन राज्यपाल श्री राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य अतिथि पद्मश्री डाॅ0 उमा तुली, प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर तथा कुलपति श्री प्रवीर कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर विद्वत परिषद एवं कार्य परिषद के सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, शिक्षकगण, अभिभावकगण, छात्र-छात्रायें सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में विचार व्यक्त करते हुये कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं। इनकी शिक्षा-दीक्षा और सुविधाओं का ख्याल रखना हम सभी का कर्तव्य है। छात्र जीवन में दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। किताबी पढ़ाई समाप्त करके युवा अपने लक्ष्य की ओर नये कदम बढ़ायें। लक्ष्य की प्राप्ति के लिये कठोर परिश्रम, प्रमाणिकता और पारदर्शिता का होना आवश्यक है। लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाईयों भी आ सकती हैं किन्तु शार्टकट का सहारा न लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं भी दी।
श्री नाईक ने कहा कि राज्य के 28 विश्वविद्यालय के सभी दीक्षांत समारोह सम्पन्न हो गये हैं। इस वर्ष दीक्षांत समारोह में 15.60 उपाधियाँ प्रदान की गयी हैं जिसमें 51 प्रतिशत छात्रायें हैं। डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में लगभग 829 उपाधियाँ वितरित की गयी जिसमें छात्रायें 408 यानि 49 प्रतिशत तथा 421 छात्र है अर्थात् 51 प्रतिशत। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये 103 स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक वितरित किये गये हैं जिनमें से 67 पदक यानि 65 प्रतिशत पदक छात्राओं को मिले हैं और 36 पदक अर्थात् 65 प्रतिशत छात्रों को। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण का नया चित्र सामने आ रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास का युग प्रारम्भ हुआ है। जहाँ विकास होता है वहाँ रोजगार का सृजन होता है। शिक्षित मानव संसाधन के रूप में यह देश के लिये बहुत बड़ी पूंजी है। इस पूंजी का लाभ उठाने के लिये युवा वर्ग के उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है। प्रदेश के विकास के लिये मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय हैं। इंवेस्टर्स समिट एक बड़ा कदम है। समिट में 1,054 एम0ओ0यू0 के माध्यम से रूपये 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बदलने का काम किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में कुछ करने के लिये नजर और नजरिया महत्वपूर्ण है। नजरिया बदलने से समाज में परिवर्तन आता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील है। मानव ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है उसके साथ भेदभाव करना अन्याय है। दिव्यांगों की प्रतिभा सामने लाने के लिए मंच उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने सूरदास, स्टीफेन हाकिंस, पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा, दिव्यांग ओलंपिक बैडमिंटन में भाग लेने वाले प्रशासनिक अधिकारी सुहास एलवाई का उल्लेख करते हुये कहा कि दिव्यांगों में अपार प्रतिभा है।
मुख्य अतिथि पद्मश्री डाॅ0 उमा तुली ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश की अच्छी पहल है कि इस विश्वविद्यालय में दिव्यांग एवं सामान्य विद्यार्थियों के लिये 50-50 प्रतिशत आरक्षण है। अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करना चाहिए। समेकित शिक्षा एक अच्छी पहल है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता का केन्द्र बनाकर शोध पर जोर दिया जाये। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिये विश्वविद्यालय उद्योग जगत से समन्वय करके अपने पाठ्यक्रम में नये कोर्स शामिल करें।
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर ने विभाग द्वारा दिव्यांगजनों हेतु चलायी जा रही योजनाओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के विकास के लिए सरकार दृढ़ सकल्पबद्ध है।
कुलपति श्री प्रवीर कुमार ने स्वागत उद्बोधन देते हुये विश्वविद्यालय की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
सर्वजीत सिंह सूर्यवंशी
अध्यक्ष/सम्पादक- अपवा
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में विचार व्यक्त करते हुये कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं। इनकी शिक्षा-दीक्षा और सुविधाओं का ख्याल रखना हम सभी का कर्तव्य है। छात्र जीवन में दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। किताबी पढ़ाई समाप्त करके युवा अपने लक्ष्य की ओर नये कदम बढ़ायें। लक्ष्य की प्राप्ति के लिये कठोर परिश्रम, प्रमाणिकता और पारदर्शिता का होना आवश्यक है। लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाईयों भी आ सकती हैं किन्तु शार्टकट का सहारा न लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं भी दी।
श्री नाईक ने कहा कि राज्य के 28 विश्वविद्यालय के सभी दीक्षांत समारोह सम्पन्न हो गये हैं। इस वर्ष दीक्षांत समारोह में 15.60 उपाधियाँ प्रदान की गयी हैं जिसमें 51 प्रतिशत छात्रायें हैं। डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में लगभग 829 उपाधियाँ वितरित की गयी जिसमें छात्रायें 408 यानि 49 प्रतिशत तथा 421 छात्र है अर्थात् 51 प्रतिशत। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये 103 स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक वितरित किये गये हैं जिनमें से 67 पदक यानि 65 प्रतिशत पदक छात्राओं को मिले हैं और 36 पदक अर्थात् 65 प्रतिशत छात्रों को। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण का नया चित्र सामने आ रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास का युग प्रारम्भ हुआ है। जहाँ विकास होता है वहाँ रोजगार का सृजन होता है। शिक्षित मानव संसाधन के रूप में यह देश के लिये बहुत बड़ी पूंजी है। इस पूंजी का लाभ उठाने के लिये युवा वर्ग के उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है। प्रदेश के विकास के लिये मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय हैं। इंवेस्टर्स समिट एक बड़ा कदम है। समिट में 1,054 एम0ओ0यू0 के माध्यम से रूपये 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बदलने का काम किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में कुछ करने के लिये नजर और नजरिया महत्वपूर्ण है। नजरिया बदलने से समाज में परिवर्तन आता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील है। मानव ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है उसके साथ भेदभाव करना अन्याय है। दिव्यांगों की प्रतिभा सामने लाने के लिए मंच उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने सूरदास, स्टीफेन हाकिंस, पर्वतारोही अरूणिमा सिन्हा, दिव्यांग ओलंपिक बैडमिंटन में भाग लेने वाले प्रशासनिक अधिकारी सुहास एलवाई का उल्लेख करते हुये कहा कि दिव्यांगों में अपार प्रतिभा है।
मुख्य अतिथि पद्मश्री डाॅ0 उमा तुली ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश की अच्छी पहल है कि इस विश्वविद्यालय में दिव्यांग एवं सामान्य विद्यार्थियों के लिये 50-50 प्रतिशत आरक्षण है। अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करना चाहिए। समेकित शिक्षा एक अच्छी पहल है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता का केन्द्र बनाकर शोध पर जोर दिया जाये। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिये विश्वविद्यालय उद्योग जगत से समन्वय करके अपने पाठ्यक्रम में नये कोर्स शामिल करें।
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर ने विभाग द्वारा दिव्यांगजनों हेतु चलायी जा रही योजनाओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के विकास के लिए सरकार दृढ़ सकल्पबद्ध है।
कुलपति श्री प्रवीर कुमार ने स्वागत उद्बोधन देते हुये विश्वविद्यालय की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
सर्वजीत सिंह सूर्यवंशी
अध्यक्ष/सम्पादक- अपवा
Comments