श्री ओ0पी0 सिंह पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 ने वाहनो से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु समस्त जनपद प्रभारियों को 15 दिवसीय एक अभियान चलाकर निम्नलिखित प्राविधानों का सख्ती से अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिये थे।


  प्रत्येक स्कूली वाहन के लिये सक्षम अधिकारी से समुचित परमिट यथा ‘‘च्ंेेमदहमत  ज्तंदेचवतज टमीपबसम च्मतउपज’’ प्राप्त होना चाहिये।  
  प्रत्येक स्कूली वाहन के आगे एवं पीछे व्द ैबीववस क्नजल अवश्य अंकित होना चाहिये। 
  किसी भी स्कूली वाहन में निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को न बैठाया जाये तथा किसी बच्चे को किसी अन्य की गोद में न बैठने दिया जाये।  
  प्रत्येक स्कूली वाहन में थ्पतेज ।पक ठवग एवं पीने योग्य पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिये। 
  आवश्यकतानुसार सीट बेल्ट उचित ढंग से लगायी जाये। 
  प्रत्येक स्कूली वाहन पर स्कूल का नाम, टेलीफोन नम्बर, चालक का नाम, पता, ड्राइविंग लाइसेन्स नम्बर व मोबाइल नम्बर अवश्य दर्शाया जाये। 
  प्रत्येक स्कूली वाहन पर परिवहन विभाग/पुलिस विभाग के हेल्प लाइन नम्बर अवश्य अंकित किये जायें। 
  ऐसे प्रत्येक वाहन, जिसमे स्कूली बच्चे ले जाये जाते हों, के चालक को उस प्रकार के वाहनों को चलाने की न्यूनतम 05 वर्ष का अनुभव होना चाहिये तथा उसके विरूद्ध पूर्व में कोई यातायात सम्बन्धी अपराध का रिकार्ड नहीं होना चाहिये। 
  ऐसा चालक, जिसका 01 वर्ष में दो बार से अधिक लाल बत्ती के उल्लंघन, अनुचित पार्किंग, ओवरटेकिंग एवं किसी अनधिकृत व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति देने के सम्बन्ध में चालान हुआ हो अथवा ओवर स्पीडिंग, नशे में वाहन चलाने और खतरनाक ढंग से वाहन चलाने के सम्बन्ध में भा0द0वि0 की धारा 279, 337, 338 एवं 304ए का एक बार भी अभियोग पंजीकृत हुआ हो तो ऐसे चालक को स्कूली वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जायेगी। 
  जब भी स्कूली बच्चों को ले जाने के लिये किसी भाड़े के वाहन को प्रयोग में लाया जायेगा तो उक्त वाहन का स्वामी सम्बन्धित स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को वाहन के चालक एवं अन्य सुसंगत विवरण उपलब्ध करायेगा। 
  प्रत्येक ऐसे स्कूली वाहन में बच्चों के सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने तथा उनके वाहन में चढ़ने एवं वाहन से उतरने के दौरान एक परिचालक (।जजमदकंदज) उपस्थित रहेगा। 
  प्रत्येक स्कूली वाहन में न्यूनतम 05 किग्रा0 के 02 थ्पतम म्गजपदहनपेीमते क्रमशः 01 चालक के केबिन में तथा दूसरा आपातकालीन निकास द्वार के पास होना चाहिये तथा ड्राइवर, कन्डक्टर, महिला अटेन्डेन्ट/गार्ड को थ्पतम म्गजपदहनपेीमते चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिये। 
  चालक, कन्डक्टर व अटेन्डेन्ट का चरित्र सत्यापन अवश्य कराया जाना चाहिये। 
  स्कूली वाहन के चालक द्वारा निर्धारित गति से तेज वाहन न चलाया जाये। 
  चालकों द्वारा किसी भी दशा में वाहन चलाते समय न तो मोबाइल फोन का प्रयोग किया जाये और न ही कान में ईयरफोन लगाकर वाहन का संचालन किया जाये। 
  कामर्शियल/निजी वाहन अनधिकृत एल0पी0जी0 किट लगाकर संचालित न होने दिया जाये। 
  अभियान के दौरान जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, विद्यालयों के प्रबन्धकों व सिविल सोसाइटी का अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जाये। अभियान की कार्यवाही विधि सम्मत हो तथा जनसाधारण को कोई असुविधा न हो।: 

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