पादरीबाज़ार चौकी प्रभारी और उनके सहयोगियों ने खून देकर पेश की मानवता की मिसाल

गोरखपुर::: एक पुरानी कहावत है कि सौ गद्दार से अच्छा है एक वफादार दोस्त बनाया जाए जो आप को हर वक्त इस बात का अहसास करवाये की वो हर हालत में आप के साथ है चाहे परिस्थितियां आप के साथ हो या आप के विपरीत वो हर कदम पर एक सच्चे साथ कि तरह आप का साथ देने के लिए 24 घंटे आप के साथ है कुछ ऐसा ही इस वक्त पुलिस कर रही है जब से लॉक डाउन लगा है तब से लेकर अब तक पुलिस ने अपने वो चेहरा समाज के सामने पेश किया है जिसकी कभी किसी ने उम्मीद नही की होगी यही पुलिस थी जब अपराधी इसको देश कर खौफ खाते थे चोर उचक्के अपराधी माफिया पुलिस से कोसो दूर रहते थे ज़्यादातर लोग यही दुआ करते थे कि पुलिस से उनका पाला कभी न पड़े लेकिन इस लॉक डाउन में देश भर से पुलिस की अलग अलग तस्वीरे आयी है लोगो का पुलिस के प्रति नज़रिया बदला है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को कोरोनो वायरस जैसे महामारी से बचाने के लिए पूरे देश के अंदर लॉक डाउन लगा रखा है ऐसे में जो रोज़ कमाते थे खाते थे जिसमें मज़दूर वर्ग भीख मांगने वाले और सड़कों पर रह कर ज़िन्दागी गुजरने वालो के सामने खाने पीने का संकट खड़ा हो गया था तब देश भर की पुलिस फरिश्ता बन कर सभी ज़रूरतमंदों के साथ खड़ी हुए। गोरखपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के पादरीबाज़ार चौकी प्रभारी विंध्यांचल शुक्ल ने आज वो काम कर दिया जिसकी शायद किसी ने उम्मीद भी नही किया होगा एक ऐसे अज्ञात इंसान जिससे उनका दूर दूर तक कोई नाता नही था उसको अपना खून दे। फातिमा हॉस्पिटल पदारीबज़ार में मनीष कुमार त्रिपाठी भर्ती थे उनको खून की ज़रूरत थी जब इस बात की सूचना पादरीबाज़ार चौकी प्रभारी विंध्यांचल शुक्ल को मिली तो उन्होंने बिना देर किए अपने सहयोगी पुलिस कर्मी सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह, सिपाही आंनद सिंह को साथ लेकर फातिमा हॉस्पिटल पहुचे गए वहा पर तीनों पुलिस के जवानों ने अपना एक एक यूनिट खून उस इंसान को दिया जिससे उनका कोई रिश्ता नही था अब ये सोचने वाली बात है कि आज देश जिस दौर से गुज़र रहा है जहाँ पर आज एक एक दाने की कीमत लोगो को पता चल रही है उस हालात में कोई पुलिस कर्मी किसी को ज़रूरत के वक्त अगर अपना खून देता है तो ये अपने आप मे एक बहुत बड़ा काम है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है।

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