अब राजनीत में ना ऐसा नेता होगा, ना उस पर रोने वाली जनता..

मेरी कलम, मेरी ताकत,,

सर्वजीत सिंह सूर्यवंशी

अध्यक्ष/संपादक- अपवा/ANN

"अब आखिरी पीढ़ी होगी,,,,जब देश अपने प्रिये नेता के लिए रोयेगा,,,




अब राजनीत में वैसे ना नेता हैं, ना प्यार करने वाली जनता, अटल बिहारी वाजपेयी जी जहाँ जाते लोगो को अपना दीवाना बना लेते थे,  अटल बिहारी वाजपेयी  भारत के पूर्व प्रधानमंत्री। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।मृत्यु वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता थे ।जन्म: 25 दिसंबर 1924 (आयु 93 वर्ष), ग्वालियर

पूर्ण नाम: अटल बिहारी वाजपेयी(Atal Bihari Vajpayee)

पिछले कार्य काल: भारत के प्रधानमन्त्री (1998–2004),

शिक्षा: लक्ष्मीबाई कॉलेज, डी०ए०वी० कालेज, कानपुर

पुरस्कार: भारत रत्‍न, पद्म विभूषण,

जब बात नेता और लोकप्रियता की होगी, और देश में चाहने वालो की बात होगी, तो गाँधी परिवार का भी नाम आएगा, बात 1984 में जब इंदिरा गाँधी की हत्या कर दी गईं तो पूरा देश रोया था, कई घरों में चूल्हा नहीं जला,, अब राजनीत में गिरावट के चलते यह सब नहीं देखने को मिलता,, हाँ अटल बिहारी वाजपेयी आज आखिरी वंश होंगे जब पूरा देश रोयेगा, वाजपेयी जी पूरा देश देखना चाहता हैं, एक बार सुनना चाहता हैं, उनकी कबिताओ का आनंद लेना चाहता हैं, लेकिन एक बार अस्वस्थ होने के बाद देश की जनता को मौका ही नहीं मिला उन्हें सुनन ले.. आज

मेरा लेख याद आ गया :-

"रो दू तभी समझों गे क्या दिल की बात कभी कभी हॅसने में दर्द छुपा,,,,,

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