राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मातामेला सिरिल रामफोसा के सम्मान में आयोजित भोज में भाषण,
1. पहले दौरे पर भारत आगमन पर दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति महोदय और प्रथम महिला आपका स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात है। आपकी यह यात्रा बहुत ही विशेष अवसर पर हुई है। हम महात्मा गांधी की 150 वीं और नेल्सन मंडेला की 100 वीं जयंती मना रहे हैं। इस संयोग से राजनीतिक के समानांतर मार्ग पर चलने वाले हमारे दोनों नेताओं की उस साझा विरासत पर ध्यान केंद्रीत किया जा सकता है, जो वे हमारे और पूरी मानवता के लिए छोड़ गए हैं।
2. और जैसा कि हम उनके जीवन के बारे में बात कर रहे हैं, तो मुझे याद आ रहा है कि बेहतरी के लिए महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका छोड़ते समय क्या कहा था और मैं वह उद्धरण देता हूं - “मेरी मातृभूमि के बाद यह उपमहाद्वीप मेरे लिए एक पवित्र और प्रिय भूमि बन गया है। मैं दक्षिण अफ्रीका के तट से भारी मन से जा रहा हूं और अब मैं दक्षिण अफ्रीका से दूर तो रहूंगा, लेकिन यह हमेशा मेरे दिल के करीब रहेतगा और मैं हमेशा इसके कल्याण के बारे में सोचता रहूंगा।” राष्ट्रपति महोदय, इन भविष्यसूचक शब्दों से हमें मार्गदर्शन मिलता रहा है और हम अपनी विशेष मित्रता तथा रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाकर उसे सुदृढ़ करने के लिए काम करते रहे हैं।
3. महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला केवल भारत और दक्षिण अफ्रीका के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के हैं। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने के लिए हमने कृत्रिम अंग लगाने का कार्यक्रम-"मानवता के लिए भारत" शुरू किया है। ऐसा करने के लिए हम उनके सार्वभौमिक संदेश के साथ ही दक्षिण अफ्रीका की "उबंटू" अर्थात् दूसरों के प्रति मानवता और करुणा भावना से प्रेरित हुए हैं।
4. राष्ट्रनपति महोदय, हमारी आर्थिक साझेदारी हमारे संबंधों का प्रमुख आधार है। भारतीय उद्योग आपकी आर्थिक नीतियों और दृष्टिकोण से अत्याधिक उत्साहित है। हमने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को आकर्षित करने और अपनी वृद्धि के लिए अपनी ओर से ऐतिहासिक आर्थिक सुधार किए हैं। हम दक्षिण अफ्रीकी कंपनियों को मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत और स्मार्ट सिटी कार्यक्रमों में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करते हैं। हम नवप्रवर्तकों से लेकर इनक्यूबेटरों तक और स्टार्ट-अप्स से लेकर सीरियल उद्यमियों तक नए युग के हितधारकों को हमसे साझेदारी करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
5. हमें 4 वीं औद्योगिक क्रांति से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए कार्य करना चाहिए। डिजिटल दुनिया में हमारे लोगों के लिए बहुत कुछ है। मुझे प्रसन्नलता है कि जल्द ही हम आपके और अफ्रीका के अन्य देशों के साथ हमारे टेली-मेडिसिन और टेली-एजुकेशन कार्यक्रमों : ई-विद्या-भारती और ई-आरोग्य-भारती के लाभों को साझा करेंगे।
6. राष्ट्र पति महोदय, आपके इंद्रधनुषी राष्ट्र में भारत का एक रंगीन भाग भी शामिल है, और हमारे बहुसांस्कृतिक माहौल में दक्षिण अफ्रीका के भी कई रंग हैं। हमारे लोगों के बीच व्यं जन से लेकर क्रिकेट तक और बाबूटी से लेकर बिरयानी तक कई समानता हैं और हम उनका लुत्फ उठाते हैं। आइए हम अपनी साझा विरासत और अपने मूल्यों के के समारोह मनाते रहें।
7. राष्ट्रतपति महोदय, मैं दक्षिण अफ्रीका को तीसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आसीन होने की हार्दिक बधाई देता हूं। हम संयुक्त राष्ट्रो को आज की वास्तविकताओं के परिप्रेक्ष्यर में अधिक प्रभावी, अधिक न्यायसंगत और अधिक चिंतनशील बनाने के लिए आपके साथ कार्य करेंगे। हम न्यायसंगत, प्रतिनिधि और लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था के लिए भी मिलकर कार्य करेंगे, जिसमें अफ्रीका और भारत में रहने वाले एक तिहाई लोगों की आवाज और भूमिका है।
8. इसके साथ ही महामहिम, देवियों और सज्जनों, मैं आपको भोज के लिए आमंत्रित करता हूं और :
- राष्ट्रपति रामाफोसा और डॉ.मोत्सेपे के अच्छे स्वास्थ्य और कल्यारण;
- दक्षिण अफ्रीका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि; तथा
- भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चिरस्थायी मित्रता की कामना करता हूं।
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