जिस देश में आप रहते हैं, वहां अपनी संस्‍कृति और विरासत को संरक्षित करें: उपराष्‍ट्रपति ने प्रवासी भारतीयों को सुझाव दिया

उपराष्‍ट्रपति श्री एम वैंकया नायडू ने कहा है कि दुनियाभर में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को अपनी संस्‍कृति और विरासत को संरक्षित करना चाहिए और अपने मूल स्‍थान एवं समाज के लिए कार्य करना चाहिए। वह प्रवासी भारतीय दिवस 2019 में भाग लेने आए प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत कर रहे थे, जिसका आयोजन उत्‍तर प्रदेश के वराणसी में हुआ था और जो उपराष्‍ट्रपति से मिलने यहां आए हुए थे।
श्री नायडू ने कहा कि व्‍यक्ति को हमेशा पांच चीजों- मां, मूल स्‍थान, मातृभाषा, मातृभूमि और शिक्षक – का स्‍मरण करना चाहिए। उन्‍होंने प्रवासी भारतीयों को सलाह दी कि वे जब भी अपने घर पर हों तो अपनी मातृभाषा में ही बातचीत करें। उन्‍होंने प्रवासी भारतीयों को उनके बच्‍चों को मातृभाषा सिखाने की भी सलाह दी।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और आगामी कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि जहां वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट आ रही है, भारत का प्रदर्शन बेहतर हो रहा है।
श्री नायडू ने प्रवासी भारतीयों को उस देश का सम्‍मान करने की सलाह दी जहां वह रह रहे हैं और उनके नियमों और विनियमनों का अनुसरण करने को कहा, जिन्‍होंने उन्‍हें शरण दी है। उन्‍होंने कहा कि उस देश के विकास के लिए सर्वश्रेष्‍ठ कार्य करें और इसके साथ-साथ अपनी मातृभूमि के लिए भी कुछ करें।
विभिन्‍न देशों के लगभग 50 प्रवासी भारतीय जो कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब इत्‍यादि राज्‍यों के रहने वाले हैं, ने उपराष्‍ट्रपति से मुलाकात की। सभी प्रवासी भारतीयों ने उनके लिए समय निकालने और उनके साथ बातचीत करने के लिए उपराष्‍ट्रपति की सराहना की।
सिख समुदाय के शिष्‍टमंडल ने उपराष्‍ट्रपति को करतारपुर साहिब गलियारे की पहल के लिए सराहना की एवं धन्‍यवाद दिया। प्रवासी भारतीयों ने विशिष्‍ट रूप से वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस एवं कुंभ मेला में उनके लिए की गई व्‍यवस्‍थाओं और जहां भी वह गए लोगों द्वारा प्रदर्शित आवभगत एवं आत्‍मीयता की सराहना की। 

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