नितिन गडकरी ने जम्मू-कश्मीर में रावी नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा पोत परिवहन एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज जम्मू-कश्मीर में कठुआ जिले में रावी नदी पर बने 1210 मीटर लंबे पुल का उद्घाटन किया। श्री गडकरी ने पुल को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं को समय पर या उससे पहले पूरा करके सार्वजनिक हित के कार्य समय पर पूरा करने में नया कीर्तिमान कायम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गुणवत्ता से समझौता किए बगैर लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है। श्री गडकरी ने यह बात जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक के साथ कठुआ के किड़ीया-गंडयाल गांव में रावी नदी पर बने पुल का उद्घाटन करने के बाद एक सार्वजनिक रैली में कही। इस अवसर पर केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्यपाल के सलाहकार श्री के.के. शर्मा और मुख्य सचिव श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम भी उपस्थित थे।
किड़ीया-गंडयाल में रावी पर बने पुल से दोनों ओर- जम्मू में कठुआ और पंजाब में पठानकोट में रहने वाले 2,20,000 से अधिक लोगों को लाभ होगा। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी 45 किलोमीटर से घटकर 8.6 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। राज्यों के बीच बेहतर संपर्कता के लिए 158.84 करोड़ रुपये की लागत से किड़ीया-गंडयाल पुल का निर्माण किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में चल रही राजमार्ग परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए श्री गडकरी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क में 969 किलोमीटर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में राज्य में एनएच की कुल लंबाई 1695 किलोमीटर थी, जो 2018 में 2664 किलोमीटर हो गई है। इसी अवधि में राष्ट्रीय राजमार्ग भी सात से बढ़कर 14 हो गए हैं। इसी अवधि के दौरान 969 किलोमीटर के नए राष्ट्रीय राजमार्ग की घोषणा की गई। इसके अलावा, 400 किलोमीटर की चार राज्यीय सड़कों को भी मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जम्मू-कश्मीर के लिए 7 नवंबर, 2015 को घोषित प्रधानमंत्री के विशेष विकास पैकेज (पीएमडीपी) के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम (एनएचआईडीसीएल), राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के माध्यम 45,107 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाएं कार्यान्वित कर रहा है। इनमें से 30,000 करोड़ रुपये लागत के कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं। एनएचएआई 14,987 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं, एनएचआईडीसीएल/ बीआरओ 24120 करोड़ रुपये लागत की छह परियोजनाओं और पीडब्ल्यूडी 6,000 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं का कार्यान्वयन कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर में दो प्रमुख सड़क गलियारे जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-लेह निर्मित किए जा रहे हैं। पहली परियोजना के तहत चेनानी-नाशरी सुरंग सड़क देश की सबसे बड़ी राजमार्ग सुरंग है। इससे जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय ढाई घंटे कम हो गया है और दोनों स्थानों के बीच की दूरी में 30 किलोमीटर कम हो गई है। पूरे वर्ष यात्रा अनुकूल होने के कारण यह सुरंग काफी लाभदायक है और इससे 27 लाख रुपये तक के ईंधन की बचत हो रही है।
श्रीनगर शहर में 1,860 करोड़ रुपये की लागत से 62 किलोमीटर लंबी 4-लेन की रिंग रोड बनाई जा रही है। यह सड़क एनएच-44 पर गांदरबल से शुरू होकर एनएच-1 डी पर वायुल में समाप्त होती है। यह छह जिलों के 54 गांवों को जोड़ेगी। साथ ही, जम्मू रिंग रोड पर 58.255 किलोमीटर 4-लेन बनाने का लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इस परियोजना की कुल लागत 1,891 करोड़ रुपये है। परियोजना में आठ प्रमुख पुल, 22 छोटे पुल, छह फ्लाईओवर, और क्रमशः 770 और 710 मीटर की दो सुरंगों का निर्माण शामिल है।
जन समूह को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र के समर्थन के माध्यम से यह आश्वासन दिया जा रहा है कि कोई भी परियोजना अधूरी नहीं है और लोग इन परियोजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संकल्प से सिद्धि’ के नारे का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकासात्मक परियोजनाओं के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर राष्ट्र की विकास यात्रा का हिस्सा बन गया है, जो आने वाले वर्षों में जारी रहेगी।
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