स्पष्टीकरणः सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग के दो सदस्यों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के मद्देनजर, मीडिया के एक वर्ग की खबरों में कहा गया है कि सदस्यों ने श्रम बल सर्वेक्षण परिणामों और जीडीपी की बैक सीरीज को जारी करने सहित आयोग के कामकाज पर कुछ चिंताएं व्यक्त की है। पिछले कुछ महीनों में आयोग की किसी भी बैठक में सदस्यों द्वारा इस प्रकार की चिंताएं व्यक्त नहीं की गई थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का आयोग के प्रति न केवल अत्याधिक आदर का भाव है बल्कि वह उसकी सलाहों को भी महत्व देता है जिसपर उचित कार्रवाई की जाती है।
मीडिया में राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के जरिए मंत्रालय द्वारा कराए गए श्रम बल सर्वेक्षण के संदर्भ में कुछ चिंताएं उठाई गई है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) को रोजगार और बेरोजगारी के बारे में श्रम बल के वार्षिक अनुमान के साथ शहरी इलाकों के लिए तिमाही अनुमान प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। एनएसएसओ जुलाई, 2017 से दिसंबर, 2018 की अवधि के लिए तिमाही आंकड़े तैयार कर रहा है और रिपोर्ट उसके बाद जारी की जाएगी। भारत के मजबूत जनसांख्यिकीय अंश और करीब 93 प्रतिशत अनौपचारिक कार्यबल को ध्यान में रखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि प्रशासनिक सांख्यिकी के जरिए रोजगार के उपायों में सुधार किया जाए और आवधिक सर्वेक्षणों द्वारा उसे पूर्ण किया गया। इस दिशा में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल कर नए ग्राहकों/सदस्यों के अनुमानों को लाना शुरू किया। इन योजनाओं में शामिल नए सदस्य औपचारिक रूप देने की दिशा में बढ़ रहे कार्यबल की संख्या में बारे में एक अच्छा पैमाना है।
जहां तक जीडीपी की बैक सीरीज का सवाल है, राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग ने स्वयं मंत्रालय से इसे अंतिम रूप देने और जारी करने का आग्रह किया। जीडीपी की बैक सीरीज के सरकारी अनुमानों को तदानुसार 2011-12 की आधार वर्ष श्रृंखला में अपनाई गई कार्य पद्धति का इस्तेमाल करते हुए परिकलित किया गया और इसे राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी पर सलाहकार समिति के विशेषज्ञों द्वारा मंजूरी दी गई, जो एक उपयुक्त संगठन है। बाद में इस पर राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग में विचार-विमर्श किया गया। यहीं नहीं बैक सीरीज के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा अपनाई गई कार्य पद्धति सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग केन्द्र और राज्य सरकारों में सांख्यिकीय गतिविधियों के लिए बहुमूल्य दिशा-निर्देश और रणनीतिक दिशा प्रदान करता है। मंत्रालय नियमित रूप से अन्य मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ बातचीत करता है ताकि आंकड़ों की उपलब्धता और कवरेज में सुधार लाया जा सके, जिसे उस संदर्भ में समझा जाना जरूरी है जिसके लिए उन्हें लिया गया।
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