पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा हर्ष फायरिंग की घटनाओं के प्रभावी रोकथाम के सम्बन्ध में दिये गये दिशा-निर्देश

ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त जोनल पुलिस महानिदेशक/परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद/रेलवेज उ0प्र0 को निर्देशित किया गया कि हर्ष फायरिंग की घटनायें प्रायः विवाह समारोहों, उत्सवों एवं जुलुसों आदि अवसरों पर अति उत्साह व हर्ष में की गयी फायरिंग के कारण घटित होती हैं। इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैंः-
इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने हेतु उपलब्ध विधिक व्यवस्था के अनुरूप कार्यवाही की जाय।
शस्त्रों से सार्वजनिक/भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर हवाई फायरिंग शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन है और अपराधिक कृत्य है। इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय, जिससे ऐसी गतिविधियांे को स्वतः रोकने में सहायता मिल सके।
इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष क्षेत्र में आने वाले अस्त्र-शस्त्र की दुकानों, शादी विवाह समारोह स्थल, मैरिज हाल, कम्युनिटी सेन्टर, क्लब आदि के प्रबन्धकों/स्वमियों को हर्ष फायरिंग से होने वाली क्षति से अवगत कराते हुए, उन्हे प्रेरित करें कि वह इन स्थलों पर स्पष्ट रूप से सूचना पट्ट पर अंकित करें कि ‘जो व्यक्ति अस्त्र-शस्त्र का दुरूपयोग/हवाई फायरिंग आदि करेगा, तो उसके विरूद्ध विधिक कार्यवाही होगी।’
जिला मजिस्ट्रेट से समन्वय स्थापित कर राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में जनपद में स्थापित शस्त्र दुकानों में शस्त्र लाइसेंस धारकों को बिक्रीत कारतूसों का स्टाक रजिस्टर से चेक कराकर,  यह सुनिश्चित करें  कि शस्त्र दुकानों में कारतूसों  की

बिक्री में किसी प्रकार की कोई अनियमितता न पायी जाय। अनियमितता पाये जाने पर शस्त्र दुकानों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही भी कराना सुनिश्चित करे।
शस्त्र दुकानों के मालिकों द्वारा कारतूसों का विक्रय करते समय पूर्व में क्रेता को उपलब्ध कराये गये कारतूसों का एवं उपयोग में लाये गये कारतूसों का विवरण प्राप्त करें कि क्रेता द्वारा खरीदे गये कारतूसों का किस रूप में प्रयोग शस्त्र दुकानों के सत्यापन के समय अथवा आकस्मिक निरीक्षण के समय इन अभिलेखों का मिलान मजिस्ट्रेट/पुलिस अधिकारियों द्वारा अवश्य किया जाय और अनियमितता पाये जाने की स्थिति में शस्त्र धारक के विरूद्ध शस्त्र अधिनियम की धाराओं में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत वैधानिक कार्यवाही करायी जाय।
 जहां कहीं शादी विवाह, प्रदर्शन, समारोह आदि में अस्त्र-शस्त्र के दुरूपयोग, हर्ष फायरिंग प्रदर्शन की सूचना मिले, वहां तत्काल पुलिस भेजकर चेक करायें तथा शस्त्र अधिनियम में वर्णित धाराओं के अनुरूप शस्त्र निरस्तीकरण आदि की कार्यवाही भी करायें। हत्या/मृत्यु कारित होने पर परिस्थितियों के अनुसार भा0द0वि में वर्णित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर त्वरित कार्यवाही की जाय।
साथ ही साथ सभी जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को यह भी निर्देशित किया गया कि जनपद में गोष्ठी आयोजित कर उपरोक्त निर्देशों के सम्बन्ध में अपने अधीनस्थों को विस्तार से अवगत करायेंगे एवं निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए हर्ष फायरिंग से सम्बन्धित पंजीकृत सभी अभियोगों की समीक्षा करेंगे। मासिक अपराध गोष्ठी में हर्ष फायरिंग से सम्बन्धित अभियोगों की प्रगति, अभियुक्तों की गिरफ्तारी/लाइसेंस निलम्बन/निरस्तीकरण, शस्त्रों के जमा होने की स्थिति की भी समीक्षा करेंगे तथा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करेंगे।

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