ग्रामीण महिलाएं अपने बेटे बेटियों को पढ़ाने का संकल्प लें महिलाएं स्वयं सहायता समूहो से जुड़कर आत्म निर्भर बने- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

कृषक महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत खाद्य एवं पोषण सुरक्षा व ग्राम्य समृद्वि दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के प्रांगण में मुख्य अतिथि प्रदेश की माननीया श्री राज्यपाल, उ0प्र0, श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। गोष्ठी में बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं महिला किसानों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि भारत में कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा क्षेत्र है और इस क्षेत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के सहयोग से अधिक कार्य हो रहा है। कृषि के साथ-साथ पशु पालन कार्य भी किया जाता है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से कहा कि वह अपनी बेटे-बेटियों को पढ़ाने का संकल्प लें, उन्होंने बेटियों को आवश्यक रुप से शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि बेटियां शिक्षित होगी, तो आवश्यकता पड़ने पर वह स्वयं किसी रोजगार व कार्य करके आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन यापन कर सकती है, उन्हें किसी दूसरे के ऊपर निर्भर नहीं रहना पडेगा। उन्होंने कहा कि बेटियों/किशोरियों को कुपोषण से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि महिलायें को शारीरिक रुप से सशक्त होना चाहिये। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में कोई भेद-भाव नही करें और समान रुप से उनके शिक्षा व पालन पोषण का संकल्प लें। महिलायें अपनी शक्ति को पहचानें और उसका सही दिशा में सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में स्वयं सहायता समूह प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।

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