केंद्र सरकार ने विशेष उधार खिड़की (स्पेशल बोर्रोविंग विंडो) के तहत 6,000 करोड़ रुपये उधार लिए और इस धनराशि को जीएसटी मुआवजे की पहली क़िस्त के रूप में 16 राज्यों को हस्तांतरित किए

 भारत सरकार ने वित्त वर्ष 20202021 के दौरान जीएसटी संग्रह की कमी के समाधान के लिए एक विशेष उधार खिड़की (स्पेशल बोर्रोविंग विंडो) विकसित की है। 21 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने इस विशेष खिड़की का विकल्प चुना है, जिसमें वित्त मंत्रालय के समन्वय से उधार की लगातार दो किस्तें शामिल हैं।

इनमें से पांच राज्यों को जीएसटी मुआवजे में कमी नहीं हुई थी। केंद्र सरकार ने आज 6,000 करोड़ रुपये उधार लिए और इस धनराशि को 16 राज्यों को पहली क़िस्त के रूप में हस्तांतरित किए। ये राज्य हैं - आंध्र प्रदेशअसमबिहारगोवागुजरातहरियाणाहिमाचल प्रदेशकर्नाटकमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रमेघालयओडिशातमिलनाडुत्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तथा 2 केंद्र-शासित प्रदेश: दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश व जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश।

उधार पर ब्याज की दर 5.19 प्रतिशत है। उद्देश्य है कि राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की साप्ताहिक किस्तें दी जाएं। उधार की समय-सीमा मोटे तौर पर 3 से 5 साल होने की उम्मीद है।

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