केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रत्यायन पर चौथे विश्व सम्मेलन (WOSA-2018) का शुभारंभ किया

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रत्यायन पर चौथे विश्व सम्मेलन  (WOSA-2018) का आज नई दिल्ली में उद्घाटन किया । इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि ‘योग्यता निर्धारण एवं विभागक्रम प्रतिष्ठा’ दोनों किसी भी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता कसौटी होते हैं इसलिये प्रत्यायन महत्वपूर्ण हो जाता है ।
उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रत्यायन के अंतर्गत प्रत्येक संस्थान को कवर करना है किंतु अभी प्रत्यायित संस्थानों की संख्या बहुत कम है । उन्होंने कहा कि यह दो वजहों से हो सकता है, पहला यह कि कुछ संस्थान प्रत्यायन के अंतर्गत आना नहीं चाहते एवं दूसरा यह कि स्वयं हमारी प्रत्यायन की प्रणाली में कुछ प्रतिबंध हैं इसलिये सरकार राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड एवं राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की क्षमता में बढ़ोतरी करना चाहती है ताकि और अधिक संस्थानों को प्रत्यायित किया जा सके ।
मंत्री महोदय ने कहा कि संस्थानों में अच्छे प्रदर्शन के लियेरैंकिंग एवं रेटिंग प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हैं । उन्होंने राष्ट्रीय सांस्थानिक रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का उदाहरण दिया एवं कहा कि एनआईआरएफ के कारण प्रत्येक संस्थान ने अपनी रैंकिंग में वृद्धि के लिये एक आंतरिक समिति का गठन किया है । श्री जावड़ेकर ने आगे कहा कि छात्र प्रवेश से पूर्व संस्थानों की रैंकिंग भी देखते हैं ।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने कहा कि यह सरकार शिक्षा के प्रति अत्यंत उत्साहित है इसलिये हमने स्कूली शिक्षा में प्रज्ञता परिणाम शुरु किया है एवं उच्च शिक्षा में छात्र अब तकनीक के माध्यम से सशक्त हैं । उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार देश में अच्छी शिक्षा को प्रोत्साहित करना चाहती है इसलिये हर वर्ष हम बेहतर प्रदर्शन कर पाने में नाकाम रहे संस्थानों को बंद करते हैं । उन्होंने आगे कहा कि संस्थानों को हमारा संदेश एकदम स्पष्ट है- या तो प्रदर्शन करिये या ख़त्म होने के लिये तैयार रहिये । 
एनबीए को गुणवत्ता एवं प्रत्यायन पर प्रोत्साहन देने के लिये मंत्री महोदय ने कहा कि यदि हम प्रत्यायन की प्रक्रिया में परिपाटियों एवं नियमनों में परिवर्तन करते हैं तो हमें संस्थानों को तैयारी के लिये पर्याप्त समय देना चाहिये ।
मंत्री महोदय ने कहा कि हम संस्थानों की स्वायत्तता एवं विस्तार को प्रोत्साहन दे रहे हैं एवं इसके लिये आधार गुणवत्ता है । उन्होंने कहा कि हमने उत्कृष्ट संस्थानों की घोषणा की है जो पूरी तरह स्वायत्त हैं । इसके अतिरिक्त हमने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद एवं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड की रेटिंग के आधार पर कुछ उच्च शिक्षण संस्थानों को श्रेणीकृत स्वायत्तता प्रदान की है ।
उच्च शिक्षा सचिव श्री सुब्रह्मणियम ने कहा कि हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह है कि सिर्फ 15 प्रतिशत संस्थान प्रत्यायन के अंतर्गत आते हैं एवं 85 प्रतिशत संस्थान प्रत्यायन के दायरे में नहीं हैं,हमें अपनी प्रत्यायन प्रणाली की समीक्षा करनी होगी एवं उसके अनुरूप परिवर्तन करना होगा । 
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सहस्रबुद्धे एवं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद भी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे ।
पूर्वपीठिका
राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत प्रत्यायन के माध्यम से भारत में पेशेवर एवं तकनीकी संस्थानों द्वारा चलाये जाने वाले कार्यक्रमों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में रत एक स्वायत्त संस्थान है । एनबीए को जून 2014 से वॉशिंगटन समझौते के स्थायी हस्ताक्षरकर्ता का दर्जा प्रदान किया गया है । इसने यहसुनिश्चित करने के लिये कि स्वयं द्वारा प्रत्यायित कार्यक्रमों में स्नातक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी एवं प्रासंगिक हों, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वित परिणाम-आधारित मूल्यांकन एवं प्रत्यायनअपनाए हैं ।
प्रत्यायन पर वैश्विक सम्मेलन (WOSA)एनबीए द्वारा दो वर्ष में एक बार आयोजित किया जाने वाला सम्मेलन है जो प्रत्यायन के विषय परभागीदारों को अपने ज्ञान एवं सूचनाओं को साझा करने का मंच प्रदान करता है ।
WOSA 2018
इस परम्परा को बनाये रखते हुए एनबीए 7 सितम्बर से 9 सितम्बर, 2018 तक होटल अशोक, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में WOSA-2018 का आयोजन कर रहा है । इसमें ज़ोर “परिणाम-आधारित प्रत्यायन के समक्ष चुनौतियां एवं अवसर” पर है ।
निम्न उप-विषयों पर पेपर आमंत्रित किये गए हैं :-

उप-विषय 1 –अचीविंग एक्सीलेंस थ्रू लर्निंग आउटकम्स
उप विषय 2 –रोल ऑफ इण्डस्ट्री इन टेक्नीकल एज्यूकेशन
उप विषय 3- रैंकिंग एण्ड रेटिंग ऑफ हायर एज्यूकेशन इन्स्टीट्यूशंस- डू दे हेव ए रोल इन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट?
उप विषय 4- लिंकिंग गवर्नमेंट फण्डिंग विद क्वालिटी
उप विषय 5- यूज़ ऑफ आईसीटी इन एक्रेडिटेशन इन लार्ज ज्यूरिस्डिक्शंस

संभावित परिणाम
WOSA 2018 अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों एवं उद्योग के लिये अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करनेहेतुभविष्य में की जाने वाली साझेदारियों के मंच ढूंढने का एवं विश्व भर में छात्रों व पेशेवरों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करने के लिये खुली वार्ता का वातावरण तैयार करने काअवसर है । इसमें हिस्सा लेने वाले साझीदार वर्तमान में जारी वैश्विक प्रत्यायन प्रक्रियाओं की बेहतर समझ प्राप्त करेंगे ।
शैक्षिक संस्थानों के पास विश्व भर से उद्योगों, नीति-निर्माताओं एवं प्रत्यायन एजेंसियों से बातचीत करने एवं उनके दृष्टिकोण को सीखने का अवसर होगा ।
उद्योग बेहतर जनबल एवं प्रत्यायन मानकों पर अपनी ज़रूरतों पर विचार साझा करने के लिये शिक्षण संस्थानों एवं प्रत्यायन प्रदान करने वाली एजेंसियों से बातचीत कर पाएंगे ।
विश्व भर से प्रत्यायन एजेंसियां सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं वनज़रिए पर एवं प्रत्यायन के बारे में अपनी समझ पर मंच साझा कर पाएंगी । नीति निर्माता एवं नियमन संस्थान खूबियों एवं कमियों के साथ साथ विभिन्न देशों में कार्यरत शैक्षणिक प्रणालियों कीगहराई से समझ विकसित कर पाएंगे ।

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