पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 के निर्देशन में गम्भीर/संवदेनशील मुकदमों में प्रभावी पैरवी से जनपद मुजफ्फरनगर में 01 दर्जन अभियुक्तों को आजीवन कारावास
ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद, उ0प्र0 को गम्भीर एवं संवेदनशील घटनाओं से सम्बन्धित मुकदमों में प्रभावी पैरवी हेतु निर्देश दिये गये थे कि गम्भीर एवं संवेदनशील अभियोगों में पुलिस, अभियोजन एवं अन्य एजेन्सी द्वारा अभियोगों की पैरवी को प्रभावी एवं सुव्यवस्थित ढंग से की जाय, जिससे ऐसे अपराधों में लिप्त अपराधियों को प्रभावी सजा दिलायी जा सके।
उक्त के क्रम में जनपद मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए माह अगस्त 2018 में हत्या के अभियोग में अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं अर्थ दण्ड़ से दण्ड़ित कराया गया।
उल्लेखनीय है कि वादिनी द्वारा अपनी 04 वर्षीय पुत्री के अपहरण के सम्बन्ध में 363 भादंवि का अभियोग अपने पति के भाई के विरूद्ध पंजीकृत कराया गया था। वादिनी की पुत्री का शव गन्ने के खेत में मिला था। स्थानीय पुलिस द्वारा उक्त अभियोग की गुणवत्तापूर्ण की गयी विवेचना के दौरान प्रकरण के तथ्य बिल्कुल प्रतिकूल पाये गये। वादिनी एवं उसके पति द्वारा ही दिनांक 02.05.2018 को अपनी 04 वर्षीय पुत्री की गन्ने के खेत में ले जाकर चाकू से हत्या कर दी गयी। इस अपराधिक कृत्य में जहीर अब्बास भी सम्मिलित रहा। अभियुक्त द्वारा अपने भाई पर झूठा आरोप लगाया गया था।
दिनांक 02.05.2018 को उक्त घटना की प्राथमिकी दर्ज होने के उपरान्त मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा मुकदमें में आरोप पत्र धारा 302/201/120 बी भादंवि के अन्तर्गत मा0 न्यायालय में 07 दिन के अन्दर प्रस्तुत कर दिया गया। दिनांक 16.05.2018 को अभियोग विचारण हेतु मा0 सत्र न्यायालय में सुपुर्द किया गया। घटना के 27 दिन में ही अभियुक्तगण को आरोपित किये जाने की कार्यवाही सम्पन्न की गयी तथा प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप अभियुक्तगण 1.शमीम, 2.श्रीमती खुशनसीब, 3.जहीर अब्बास को दिनांक 28.08.2018 को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय मुजफ्फरनगर द्वारा आजीवन कारावास एवं अर्थ दण्ड़ से दण्डित किये जाने का दण्ड़ादेश पारित किया गया।
इस प्रकार हत्या के अभियोग में यथाशीघ्र गुणवत्तापूर्ण विवेचना एवं पुलिस, प्रशासन एवं अभियोजन की प्रभावी पैरवी से अभियुक्तगण को 118 दिन में ही दण्ड़ दिलाने की कार्यवाही पूर्ण की गयी। इसके अतिरिक्त पुलिस एवं अभियोजन शाखा द्वारा
अन्य सत्र परीक्षण अभियोगों में भी प्रभावी पैरवी करते हुए माह अगस्त 2018 में 09 अन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलायी गयी।
पुलिस, अभियोजन एवं अन्य एजेन्सियों की तत्परता से सत्र परीक्षण यथाशीघ्र निस्तारित कराकर अभियुक्तगणों को दण्ड़ित कराने की कार्यवाही की सराहना करते हुए जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर द्वारा पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 को जरिये पत्र अवगत कराया गया है कि भविष्य में भी ऐसे गम्भीर एवं संवेदनशील अभियोगों में अभियुक्तगण को दण्ड़ित कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित रहेगी ।
उक्त के क्रम में जनपद मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए माह अगस्त 2018 में हत्या के अभियोग में अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं अर्थ दण्ड़ से दण्ड़ित कराया गया।
उल्लेखनीय है कि वादिनी द्वारा अपनी 04 वर्षीय पुत्री के अपहरण के सम्बन्ध में 363 भादंवि का अभियोग अपने पति के भाई के विरूद्ध पंजीकृत कराया गया था। वादिनी की पुत्री का शव गन्ने के खेत में मिला था। स्थानीय पुलिस द्वारा उक्त अभियोग की गुणवत्तापूर्ण की गयी विवेचना के दौरान प्रकरण के तथ्य बिल्कुल प्रतिकूल पाये गये। वादिनी एवं उसके पति द्वारा ही दिनांक 02.05.2018 को अपनी 04 वर्षीय पुत्री की गन्ने के खेत में ले जाकर चाकू से हत्या कर दी गयी। इस अपराधिक कृत्य में जहीर अब्बास भी सम्मिलित रहा। अभियुक्त द्वारा अपने भाई पर झूठा आरोप लगाया गया था।
दिनांक 02.05.2018 को उक्त घटना की प्राथमिकी दर्ज होने के उपरान्त मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा मुकदमें में आरोप पत्र धारा 302/201/120 बी भादंवि के अन्तर्गत मा0 न्यायालय में 07 दिन के अन्दर प्रस्तुत कर दिया गया। दिनांक 16.05.2018 को अभियोग विचारण हेतु मा0 सत्र न्यायालय में सुपुर्द किया गया। घटना के 27 दिन में ही अभियुक्तगण को आरोपित किये जाने की कार्यवाही सम्पन्न की गयी तथा प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप अभियुक्तगण 1.शमीम, 2.श्रीमती खुशनसीब, 3.जहीर अब्बास को दिनांक 28.08.2018 को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय मुजफ्फरनगर द्वारा आजीवन कारावास एवं अर्थ दण्ड़ से दण्डित किये जाने का दण्ड़ादेश पारित किया गया।
इस प्रकार हत्या के अभियोग में यथाशीघ्र गुणवत्तापूर्ण विवेचना एवं पुलिस, प्रशासन एवं अभियोजन की प्रभावी पैरवी से अभियुक्तगण को 118 दिन में ही दण्ड़ दिलाने की कार्यवाही पूर्ण की गयी। इसके अतिरिक्त पुलिस एवं अभियोजन शाखा द्वारा
अन्य सत्र परीक्षण अभियोगों में भी प्रभावी पैरवी करते हुए माह अगस्त 2018 में 09 अन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलायी गयी।
पुलिस, अभियोजन एवं अन्य एजेन्सियों की तत्परता से सत्र परीक्षण यथाशीघ्र निस्तारित कराकर अभियुक्तगणों को दण्ड़ित कराने की कार्यवाही की सराहना करते हुए जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर द्वारा पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 को जरिये पत्र अवगत कराया गया है कि भविष्य में भी ऐसे गम्भीर एवं संवेदनशील अभियोगों में अभियुक्तगण को दण्ड़ित कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित रहेगी ।
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