मंत्रिमंडल ने अमृतसर, बोध गया, नागपुर, सम्बरलपुर, सिरमौर, विशाखापट्टनम और जम्मू स्थित सात नए आईआईएम के स्थालयी परिसरों की स्थाथपना और उनके संचालन की मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अमृतसर, बोध गया, नागपुर, सम्बलपुर, सिरमौर, विशाखापट्टनम और जम्मू स्थित सात नए आईआईएम के स्थायी परिसरों की स्थापना और उनके संचालन तथा कुल 3775.42 करोड़ रूपये के पुनरावर्ती खर्च (2999.96 करोड़ रूपये गैर-पुनरावर्ती और 775.46 करोड़ रूपये पुनरावर्ती खर्च) को मंजूरी दे दी है। इन आईआईएम की स्थापना वर्ष 2015-16/2016-17 में की गई थी। वर्तमान में ये संस्थान अस्थायी परिसरों से काम कर रहे हैं।
कुल 3775.42 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है, जिनमें से 2804.09 करोड़ रूपये इन संस्थानों के स्थायी परिसरों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे जिनका विवरण इस प्रकार हैं:-
इनमें से प्रत्येक आईआईएम 60384 वर्ग मीटर के क्षेत्र पर निर्माण करेगा, जिसमें से प्रत्येक आईआईएम में 600 छात्रों के लिए संपूर्ण बुनियादी ढांचा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन संस्थानों को 5 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष प्रति छात्र 5 लाख रूपये की मंजूरी दी गई है। इसके बाद उम्मीद है कि ये संस्थान अपना संचालन खर्च/रखरखाव खर्च आंतरिक तौर पर धनराशि के सृजन से कर लेंगे।
इन संस्थानों के स्थायी परिसरों का निर्माण जून 2021 तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही सभी 20 आईआईएम के पास अपने स्थायी परिसर हो जाएंगे।
आईआईएम छात्रों को शिक्षा प्रदान करेंगे ताकि वे पेशेवर प्रबंधक बन सकें। इस मंजूरी से देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कुल 3775.42 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है, जिनमें से 2804.09 करोड़ रूपये इन संस्थानों के स्थायी परिसरों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे जिनका विवरण इस प्रकार हैं:-
क्र.सं. | आईआईएम का नाम | राशि (करोड़ रूपये में) |
1 | आईआईएम अमृतसर | 348.31 |
2 | आईआईएम बोध गया | 411.72 |
3 | आईआईएम नागपुर | 379.68 |
4 | आईआईएम सम्बलपुर | 401.94 |
5 | आईआईएम सिरमौर | 392.51 |
6 | आईआईएम विशाखापट्टनम | 445.00 |
7 | आईआईएम जम्मू | 424.93 |
कुल | 2804.09 |
इन संस्थानों के स्थायी परिसरों का निर्माण जून 2021 तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही सभी 20 आईआईएम के पास अपने स्थायी परिसर हो जाएंगे।
आईआईएम छात्रों को शिक्षा प्रदान करेंगे ताकि वे पेशेवर प्रबंधक बन सकें। इस मंजूरी से देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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