उत्तर प्रदेश के मगहर में संत कबीर के जीवन और उपदेशों पर दो दिवसीय कबीर महोत्सव देश के विभिन्न भागों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया..
उत्तर प्रदेश में संत कबीर नगर जिले के मगहर में 15वीं शताब्दी के संत और कवि कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय कबीर महोत्सव आज धूमधाम से सम्पन्न हो गया। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने संगीत और नाटक प्रदर्शन के साथ ही लोक संगीत और नृत्य के जरिए आध्यात्मिक सुर को पुनर्जीवित किया।
उत्तर प्रदेश में संत कबीर नगर के मगहर में दो दिन चले कबीर महोत्सव के पहले दिन प्रधानमंत्री आए और उन्होंने वहां लोगों को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने संत कबीर के मजार पर पुष्पांजलि अर्पित की और चादर भी चढ़ाया। प्रधानमंत्री संत कबीर गुफा के दर्शन किए और बाद में संत कबीर के उपदेशों और विचारों को लोगों में फैलाने के उद्देश्य से बनाए जा रहे संत कबीर अकादमी की आधारशिला रखने के रूप में एक पट्टिका का अनावरण भी किया। केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा, केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्ल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मौके पर मौजूद रहे।
कबीर महोत्सव का दूसरा दिन स्थानीय कलाकारों के प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद कोलकाता के श्री अज़हर आलम के निर्देशन में 'कबीरा खड़ा बाजार में' नामक नाटक का मंचन किया गया। इस महोत्सव में जैसलमेर से आए अनवर खान ने मिरासी सूफी गायन का प्रदर्शन किया। रविदास के बाउल गायन और विजय पांडे के अभंग गायन ने मौजूद भीड़ पर जादूई असर छोड़ा। इसके बाद, मुक्तियार अली के सुफियाना कलाम ने श्रोताओं को एक शांत, तनावमुक्त और निर्मल दुनिया में पहुंचा दिया। महोत्सव के समापन पर देश भर से आए विभिन्न कलाकारों ने लोक नृत्यों के प्रदर्शन के साथ लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
कबीर के साहित्य की महिमा और समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने के उनके संदेश को उजागर करने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा दो दिवसीय उत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर संगीतमय और नाटकीय प्रदर्शनों के साथ विभिन्न लोक संगीत और लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें देश भर से आए कलाकारों ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की परम्परा के तहत महोत्सव में भाग लिया।
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