वाराणासी में सीवर परिशोधन परियोजनाओं (एसटीपी) पर तेजी से कार्य:दीनापुर एसटीपी कार्य समाप्ति के करीब, रमना एचएएम परियोजना पर कार्य जारी..
नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत वाराणासी में चल रही ढांचागत सीवर परिशोधन परियोजनाओं की हाल की समीक्षा में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक ने तेजी से कार्य करने को कहा। शहर की आगामी दो प्रमुख सीवर परिशोधन परियोजनाएं (एसटीपी) हैं, जिनके पूर्ण हो जाने पर 19 करोड़ लीटर सीवर का पानी नदी में जाने से रोका जाएगा। इनमें से दीनापुर में 140 एमएलडी एसटीपी लगभग संपन्न हो चुकी है। जबकि हाइब्रिड एन्यूटी मोड (एचएएम) के अंतर्गत रमना में 50 एमएलडी एसटीपी पर अच्छे से कार्य चल रहा है। एचएएम मॉडल की विशेषता है कि इसमें एसटीपी के कार्यों में प्रगति के आधार वार्षिक (एन्यूटी) और परिचालन तथा प्रबंधन (ओ एंड एम) भुगतान किया जाता है। इससे अधिक जिम्मेदारी, स्वामित्व और अधिकतम प्रगति के कारण तैयार की गई परिसंपत्ति की सतत प्रगति सुनिश्चित होती है।
महानिदेशक ने वाराणासी में ओल्ड ट्रंक सीवर की पुनर्वास की 10 परियोजनाओं की भी समीक्षा की, जिन पर कार्य अंतिम चरण में चल है। पुनर्वास कार्य अक्टूबर 2018 तक पूर्ण होने की आशा है। एसटीपी कार्यों के अतिरिक्त महानिदेशक ने शहर में 8.5 किलोमीटर तक फैले 84 घाटों पर की जा रही स्वच्छता की भी समीक्षा की। इस परियोजना के हिस्से के रूप में झाड़ू लगाना, धुलाई करना, पोछा लगाना, गाद निकालकर हटाना, जागरूकता फैलाना और जानकारी देने जैसे कार्यक्रम किए गए। स्थानीय लोगों और आगंतुकों से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार 65.4 प्रतिशत लोगों ने इस कार्य को बहुत अच्छा और 33.5 प्रतिशत लोगों ने इसे अच्छा बताया। महानिदेशक ने वाराणासी में 26 स्नान घाटों की मरम्मत की परियोजना की प्रगति का भी जायजा लिया। 11.73 करोड़ रूपये की लागत की इस परियोजना को जनवरी 2018 में मंजूरी दी गई थी।
समीक्षा के दौरान गंगा कार्य योजना परियोजनाओं में सहायक जीआईसीए पर भी प्रस्तुति दी गई, जिनमें कुल 641.19 करोड़ रूपये की लागत के सीवरेज, गैर सीवरेज और संस्थागत विकास योजना के अवयव शामिल हैं। गैर सीवरेज परियोजना में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, धोबी घाटों का निर्माण, घाटों की मरम्मत जैसे कार्य शामिल हैं। सभी परियोजनाओं में 87 प्रतिशत प्रगति हुई है।
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