प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत इसके कार्यान्‍वयन के तीन वर्षों में 51 लाख घरों को मंजूरी..

आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय ने 25 जून, 2018 को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)-शहरी की अपनी 35वीं केन्‍द्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक आयोजित की, जिसमें छह राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों के कुल 3,18,900 घरों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही पीएमएवाई (शहरी) ने एक करोड़ की अनुमानित मांग के मुकाबले 51 लाख से अधिक आवास इकाइयों को अनुमोदित कर दिया है। यह योजना आज अपने क्रियान्‍वयन के तीन वर्ष पूरे कर रही है और इसने 51 लाख घरों को मंजूरी देने की एक उल्‍लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है। पुरानी आवास योजना की तुलना में यह एक बड़ी छलांग है, जहां क्रियान्‍वयन के लगभग 9 वर्षों में 12.4 लाख घरों को स्‍वीकृति दी गई थी। ऐसा अभूतपूर्व प्रदर्शन योजना के नवोन्‍मेषी ढांचे के कारण है, जहां राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों को परियोजनाओं को मंजूरी देने का लचीलापन दिया गया है। इसके अतिरिक्‍त, एक सख्‍त दृष्टिकोण के बजाय लाभार्थियों को उनकी पसंद के अनुसार मिशन के चार शीर्षों को चुनने की स्‍वतंत्रता दी गई है। महाराष्‍ट्र ने आज आयोजित 35वीं सीएसएमसी में 2.48 लाख घरों को अनुमोदित करने के द्वारा झुग्‍गी निवासियों को आवास उपलब्‍ध कराने के अपने लक्ष्‍य को अर्जित करने में बड़ी छलांग लगाई है।
पीएमएवाई (शहरी) के तहत स्‍वीकृत कुल परियोजना लागत 77,934 करोड़ रुपये की केन्‍द्रीय सहायता के साथ 2.81 लाख करोड़ रुपये है। कुल 7.60 लाख मकान पहले ही पूर्ण हो चुके है और अन्‍य 28 लाख घरों का निर्माण कार्य जारी है। सीएलएसएस के माध्‍यम से आवास वित्‍त का व्‍यापक विस्‍तार हो रहा है। आज की तारीख तक मिशन के सीएलएसएस शीर्ष के तहत 2 लाख से अधिक लाभार्थियों को सब्सिडी दी गई है, जो 2008 से 2013 के दौरान पहले के तुलनात्‍मक ब्‍याज सब्सिडी योजनाओं (आईएसएचयूपी/आरआरवाई) से लाभांवित 18,166 लाभार्थियों की तुलना में काफी अधिक है। सीएलएसएल के एमआईजी घटक के तहत 200 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया विस्‍तार का सभी हितधारकों द्वारा स्‍वागत किया जा रहा है।
कवरेज के लिहाज से, मिशन पूर्व में क्रियान्वित की जाने वाली आवास योजना के इतिहास में एक क्रांतिकारी बदलाव है। भारत सरकार मिशन अवधि-2022 के आखिर तक ‘सभी के लिए आवास’ उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएमएवाई (शहरी) के त्‍वरित क्रियान्‍वयन के लिए चरणबद्ध तरीके से अतिरिक्‍त बजटीय संसाधनों (ईबीआर) को जुटाने हेतु 60 हजार करोड़ रुपये के एक राष्‍ट्रीय शहरी आवास फंड का गठन किया गया है। सहकारी संघवाद के लोकाचार के अनुरूप, राज्‍य/संघ शासित प्रदेश उल्‍लेखनीय उत्‍साह एवं पहलों के साथ योजना क्रियान्वित कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, तमिलनाडु, झारखंड एवं छत्‍तीसगढ़ सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने वाले राज्‍यों में है।

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