सुषमा स्वराज, श्री अरुण जेटली और श्री नितिन गडकरी ने द्वारका एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी
विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, वित्त और कारपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली और सड़क परिवहन, राजमार्ग, शिपिंग, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज दिल्ली में 8 लेन पहुंच नियंत्रित द्वारका एक्सप्रेस-वे के विकास और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे निर्माण की आधारशिला रखी। उन्होंने इस अवसर पर वीडियो लिंक के माध्यम से जयपुर रिंग रोड का भी उद्घाटन किया। सडक परिवहन और राजमार्ग, शिपिंग, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया, योजना (स्वतंत्र प्रभार), रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह तथा खेल (स्वतंत्र प्रभार), सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि ये तीन परियोजनाएं हरियाणा और दिल्ली के लिए उपहार हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मेवात क्षेत्र के भविष्य को बदलकर इसे देश के औद्योगिक मानचित्र में शामिल कर देगा। उन्होंने इस बात के लिए सराहना की कि इन नई सडकों पर बीस लाख से अधिक नये पेड़ लगाए जाएंगे। ये सड़कें निकट भविष्य में पर्यटकों के आकर्षण की संभावना दर्शाती हैं।
श्री अरुण जेटली ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश के दो सबसे अधिक महत्वपूर्ण माल-भाड़ा केंद्रों को आपस में जोड़ देगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। उन्होंने देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क विकसित करने के लिए श्री गडकरी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र को 29 किलोमीटर राजमार्गों का प्रतिदिन निर्माण करने के स्तर पर ला दिया है, जबकि इससे पहले केवल 7 किलोमीटर राजमार्ग ही बनाए जाते रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश के लगभग 91 प्रतिशत गांव मुख्य सड़कों से जुड़ गए हैं।
श्री गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेस-वे और राजमार्गों का विकास करते समय प्रदूषण स्तर को कम से कम करने के बारे में पूरा ध्यान दिया जाता है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, धौला कुंआ फ्लाईओवर निश्चित रूप से यातायात जाम की समस्या को कम करके शहर में वायु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे स्मार्ट शहरों के विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करेंगे। उन्होंने बताया कि मंत्रालय में 15 लाख करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है और इन्हें भ्रष्टाचार मुक्त माहौल में पूरी पारदर्शिता से लागू किया जा रहा है। सभी परियोजनाएं समय सूची के अनुसार पूरी की जा रही हैं।
दिल्ली-बड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे एक 1320 किलोमीटर लम्बी ग्रीन फील्ड परियोजना है, जिसकी अनुमानित लागत 90 हजार करोड़ रुपए है। मौजूदा दिल्ली-मुंबई राष्ट्रीय कॉरिडोर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का एक बहुत व्यस्त और महत्वपूर्ण मार्ग है। इस पर औसत यातायात 80 हजार पीसीयू प्रतिदिन से अधिक है। प्रस्तावित दिल्ली-बड़ोदरा-मुंबई रोड से दिल्ली–मुंबई के बीच मौजूदा दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी। दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे को 45,000 करोड़ रुपये की लागत से पांच चरणों में पूरा किया जा रहा है। 29 किलोमीटर लम्बे द्वारका एक्सप्रेस-वे (राष्ट्रीय राजमार्ग 248बीबी) का निर्माण 9000 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। यह शिवमूर्ति से शुरू होकर राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर खेडकी धौला तक जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 का यह खंड दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई का एक हिस्सा है। इस पर प्रतिदिन तीन लाख पीसीयू से अधिक का यातायात होता है। यह एक्सप्रेस-वे द्वारका के सेक्टर 25 में निर्माणाधीन प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र तक सीधी पहुंच उपलब्घ कराएगा। 57 किलोमीटर लम्बी 6 लेन वाली जयपुर रिंग रोड को 1217 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। इससे जयपुर शहर में यातायात जाम और प्रदूषण को काफी कम करने में मदद मिलेगी।
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