अक्‍टूबर-दिसंबर, 2018 (तिमाही वित्‍त वर्ष 2019) की तिमाही के लिए ऋण प्रबंधन पर तिमाही रिपोर्ट प्रकाशित

अक्‍टूबर-दिसंबर, 2018 (वित्‍त वर्ष 2019) की तिमाही के लिए ऋण प्रबंधन पर तिमाही रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई है।
अप्रैल-जून (पहली तिमाही) 2010-11 से वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग का बजट प्रभाग सार्वजनिक ऋण प्रबंधन प्रकोष्‍ठ (पीडीएमसी), नियमित आधार पर ऋण प्रबंधन पर तिमाही रिपोर्ट लाता रहा है। वर्तमान रिपोर्ट अक्‍टूबर-दिसंबर 2018 (तिमाही वित्‍त वर्ष 2019) से जुड़ी है।
वित्‍त वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही के दौरान केन्‍द्र सरकार ने 1,27,000 करोड़ रुपये मूल्‍य के कालातीत ऋण पत्र जारी किए थे, जबकि वित्‍त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में 1,64,000 करोड़ रुपये के ऋण पत्र जारी किए गए थे। नये निर्गमों की भारित औसत परिपक्‍कवता (डब्‍ल्‍यूएएम) वित्‍त वर्ष 19 (वित्‍त वर्ष 18 की तीसरी तिमाही में 14.09 वर्ष) की तीसरी तिमाही में 14.70 वर्ष थी। इसी तिमाही के लिए निर्गमों का भारित औसत उत्‍पाद (डब्‍ल्‍यूएवाई) 7.82 प्रतिशत हो गया, जो वित्‍त वर्ष 18 की तिमाही में 7.03 प्रतिशत था।
अस्‍थायी आंकड़ों के अनुसार सरकार की कुल देनदारी (लोक लेखा के अंतर्गत देनदारियों सहित) सितंबर 2018 के अंत में 82,03,197 करोड़ रुपये से दिसंबर 2018 के अंत तक बढ़कर 83,40,027 करोड़ रुपये हो गई। दिसंबर के अंत में सार्वजनिक ऋण की कुल बकाया देनदारी 89.5 प्रतिशत थी, जिसमें आंतरिक ऋण 83.3 प्रतिशत था। करीब 29.27 प्रतिशत के बकाया कालातीत ऋण पत्र की शेष परिपक्‍कवता पांच वर्ष से कम अवधि की है। दिसंबर 2018 के अंत तक व्‍यावसायिक बैंकों की हिस्‍सेदारी 40.5 प्रतिशत और बीमा कंपनियों की  24.6 प्रतिशत थी।  

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