भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक ने कोलकाता में सीवरेज एवं जल निकासी सेवाओं का विस्‍तार करने के लिए 100 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर दस्‍तखत किए

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज नई दिल्‍ली में 100 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किएजिसका उद्देश्‍य सुव्‍यवस्थित शहरी सेवाओं के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) को सीवेज शोधन क्षमता सुलभ कराना तथा सीवरेज एवं जल निकासी सेवाओं का और ज्‍यादा विस्‍तार करना है।
     400 मिलियन डॉलर की बहु-किस्‍त सुविधा के तहत तीसरी एवं अंतिम किस्‍त की  ऋण राशि दी जानी है। कोलकाता पर्यावरण सुधार निवेश कार्यक्रम के तहत केएमसी के चुनिंदा परिधीय क्षेत्रों में सीवरेज एवं जल निकासी सेवाओं का विस्‍तार किया जाएगा। इसके तहत कम से कम 3000 और परिवारों को कवर किया जाएगा। इसी तरह कम से कम 100,000 घरों के लिए सीवेज शोधन सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
     ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव श्री  समीर कुमार खरे और एडीबी की ओर से एडीबी के भारत निवासी मिशन के कंट्री डायरेक्‍टर श्री केनिची योकोयामा ने हस्‍ताक्षर किए।
    इस अवसर पर श्री खरे ने कहा कि नई परियोजना से उन पिछले चरणों में किये गये प्रयासों को और बल मिलेगा, जिनका उद्देश्‍य कोलकाता में किफायती जलापूर्ति, सीवरेज एवं जल निकासी सेवाएं मुहैया कराना और संस्‍थागत सुधारों तथा क्षमता निर्माण के जरिए शहरी सेवाओं की गुणवत्‍ता एवं निरंतरता को बेहतर करना है।
     श्री योकोयामा ने कहा कि तीसरी किस्‍त के तहत किये जाने वाले वित्‍त पोषण का उपयोग 43 किलोमीटर लम्‍बे अतिरिक्‍त सीवर निकासी पाइप एवं चार पम्पिंग केन्‍द्रों और तीन सीवेज शोधन संयंत्रों का निर्माण करने में किया जाएगा, ताकि केएमसी के चुनिंदा क्षेत्रों में स्‍वच्‍छता सेवाओं की गुणवत्‍ता बेहतर हो सके।
     वर्ष 2014 में स्‍वीकृत किये गये ‘कोलकाता पर्यावरण सुधार निवेश कार्यक्रम’ का समग्र लक्ष्‍य जल सृजन क्षमता को बहाल कर फिर से 1478 मिलियन लीटर प्रति दिन के स्‍तर पर पहुंचाना है। इसका उद्देश्‍य वर्ष 2023 तक 700 किलोमीटर लम्‍बे जल पाइप में जगह-जगह पर नजर आ रहे सुराखों की मरम्‍मती सुनिश्चित करना भी है।  

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