राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजन के लिए यूनिवर्सल कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से देश के किसी भी कोने में दिव्यांगजन को इसका लाभ मिलेगा: केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री|
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद प्रयागराज में संस्कृत के श्लोक ‘स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्ताम्, न्यायेन मार्गेण महीं महीशाम्’ का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो और हर व्यक्ति को न्याय मिले। यही सोच ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ मंत्र का आधार है। इसी सोच के साथ सरकार समाज के हर व्यक्ति के लिए काम कर रही है। दिव्यांगजन, दलित, शोषित, वंचित, आदिवासियों व समाज के पिछड़े वर्गों की सेवा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए पूरी तन्मयता के साथ कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के दिव्यांगजनों के विकास के लिए लगातार कार्य किया है। पहले दिव्यांगजन को अपने अधिकार के लिए कई दिनों तक कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, किन्तु वर्तमान सरकार ने इस स्थिति में बदलाव किया। दिव्यांगजन की हर समस्या पर ध्यान देकर उन्हें दूर किया।
प्रधानमंत्री जी ने आज जनपद प्रयागराज के मेला परेड ग्राउण्ड में आयोजित ‘वृहद सामाजिक अधिकारिता शिविर’ में राष्ट्रीय वयोश्री एवं एडिप योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांजन हेतु निःशुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज में आकर उन्हें अप्रतिम पवित्रता और ऊर्जा का अहसास हो रहा है। ठीक एक वर्ष पूर्व कुम्भ के दौरान इसी पवित्र धरती पर आकर उन्होंने संगम स्नान किया था और कुम्भ की भव्यता और दिव्यता को पूरे विश्व में पहचान दिलाने में अपना सहयोग प्रदान करने वाले सफाई कर्मियों का सम्मान करने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ था। आज भी कुछ वैसा ही सौभाग्य मुझे मां गंगा के आशीर्वाद से दोबारा प्राप्त हो रहा है, जब मुझेे बुजुर्गों, दिव्यांगजन का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। यह सचमुच मेरे जीवन की अमूल्य निधि है।
इस शिविर में लगभग 27000 दिव्यांगजनों व वृद्धजनों को उपकरण वितरित किए गए, जिसमें ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, श्रवण यंत्र, व्हील चेयर, चलने वाली स्टिक एवं अन्य उपकरण शामिल हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ये उपकरण जीवन की कुछ मुश्किलों को आसान करेंगे। यह उपकरण तो मात्र सहयोग के लिए है, असली शक्ति तो आपके अंदर है, कुछ कर गुजरने की तमन्ना जो आपके दिल में है, वही आपकी असली ताकत है। इतनी कठिनाई होने के बावजूद लगातार आगे बढ़ने के लिए आप प्रयासरत हैं, जो किसी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पहले इस तरह के कैम्प का आयोजन बहुत कम देखने को मिलता था और इस तरह के बड़े मेगा कैम्प तो बहुत ही कम आयोजित होते थे, लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों से इस तरह के कैम्प और मेगा कैम्प का आयोजन बड़ी संख्या में पूरे देश में किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने अब तक पूरे देश में लगभग 9000 कैम्पों का विशेष आयोजन करके लगभग 900 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण कैम्पों में वितरित कराए। उन्होंने कहा कि जब सरकार में बैठे हुए लोगों को इस पीड़ा का एहसास होता है तभी इस तरह के आयोजन सम्भव होते हैं और तेज गति से कार्य होता है। केन्द्र सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाकर दिव्यांगजन के लिए सरकारी इमारतों, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट को उनके लिए सुगम्य बनाने का कार्य किया। अभी तक जो कार्य शेष हैं उन्हें भी इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही जो नई इमारते तैयार हो रही हैं, उनमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि यह दिव्यांगजन के लिए सुगम्य व अनुकूल हों।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगजन के लिए पूरे देश में एक भाषा हो और उन्हें देश के किसी कोने में भाषा की कोई दिक्कत न आए, इसके लिए काॅमन लैंग्वेज का कार्य प्रारम्भ किया गया है। अब तक इसी के साथ 6000 काॅमन शब्दों की एक डिक्शनरी भी तैयार कर ली गयी है। अब दिव्यांगजन को देश के किसी भी कोने में भाषा की कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के लिए करेंसी को भी उनके अनुकूल बनाया गया है, ताकि उन्हें करेंसी को पहचाने और समझने में दिक्कत न हों। उन्होंने देश के इलेक्ट्राॅनिक चैनलों को दिव्यांगजन के लिए समर्पित कार्यक्रमों को दिखाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन के माध्यम से वर्षों से इस तरह के कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है, जिसके लिए दूरदर्शन निश्चित तौर पर बधाई का पात्र है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार के आने के बाद दिव्यांगजन के अधिकारों के लिए अनेक कार्य किए, लेकिन दुर्भाग्य से देश में इसकी चर्चा नहीं हुई। सरकार ने संसद में दिव्यांगजन के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून पास कराया, जिससे ऐसे कानूनों की संख्या की कैटेगरी 07 से बढ़कर 21 हो गयी। दिव्यांगजन को परेशान व उनके साथ मजाक करने जैसे मामलोें में नियमों को और अधिक सख्त किया गया, जिससे की दिव्यांगजन को कोई परेशान न कर पाए। सरकारी नौकरी में दिव्यांगजनों के आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत व उच्च शिक्षा में 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया।
अधिक से अधिक दिव्यांगजन को कौशल विकास का लाभ मिले, इसके लिए 2 लाख से अधिक दिव्यांगजन को स्किल टेªनिंग दी गई। इसके अन्तर्गत आने वाले समय में 5 लाख से अधिक दिव्यांगजन और युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। दिव्यांगजन के अंदर छिपे कौशल को निखारना व उसे प्रोत्साहित करना सरकार की प्राथमिकताओं में है। दिव्यांग साथियों ने हर क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है खासकर खेल के क्षेत्र में। इससे प्रोत्साहित होकर इनके कौशल विकास में अधिक निखार लाने के लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक विशेष सेण्टर की स्थापना की है, जहां हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देश में 2.5 करोड़ से अधिक दिव्यांगजन व 10 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिक हैं। सरकार वरिष्ठ नागरिकों की परेशानियों को समझकर उन्हें दूर करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसके माध्यम से करीब सवा लाख वरिष्ठ नागरिकों को उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज उन्हें संगम की पावन भूमि पर 16000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को उपकरण प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और उनका आशीर्वाद मिला। इस बार के बजट में देश के गरीबों, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक में जमा उनके पैसों को सुरक्षित रखने का प्राविधान किया गया है। इसके अन्तर्गत बैंक के दिवालिया होने के बावजूद भी उनके 05 लाख रुपए तक की धनराशि सुरक्षित रहेगी। पहले यह सीमा केवल 01 लाख रुपए की थी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर दिव्यांगजन व बुजुर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य कर रही है। देश में जन औषधीय केन्द्रों के माध्यम से दवाओं की कीमतों को कम किया गया है तथा देश के छोटे दुकानदारों व अन्य लोगों के लिए अलग-अलग पेंशन योजना शुरू की गयी है। आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की यही कामना है कि समाज का हर नागरिक सुखी व निरोग्य रहे। उन्होंने इस तरह के सफल आयोजन के लिए भारत सरकार व राज्य सरकार के सम्बन्धित विभागों के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की।
प्रधानमंत्री जी ने इस समारोह में अपने करकमलों से कुछ दिव्यांगजन व वृद्धजनों को सहायक उपकरण वितरित किए। श्री राजेश व सुश्री मीनू निषाद को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, श्री रवीन्द्र पटेल को कृत्रिम पैर उपकरण, श्री भारत कुमार को बैटरी चालित श्रवण मशीन, फुटकेयर यूनिट, स्पाइनल सपोर्ट मशीन प्रदान की गई और इन्हीं उपकरणों को सुश्री संघमित्रा सिंह, श्री विजय प्रकाश सिंह कोे भी दिए गए। श्री नवनीत कुमार तिवारी को श्रवण मशीन, श्री विवेकमणि त्रिपाठी को स्मार्ट केन व स्मार्ट फोन, सुश्री सुनैना कुमारी को स्मार्ट केन व डेजी प्लेयर तथा श्री सुंदर लालजी को व्हील चेयर, श्रवण मशीन व नी ब्रेस प्रदान किया गया।
प्रयागराज के इस ऐतिहासिक शिविर में प्रधानमंत्री जी सहित केन्द्रीय मंत्रिगणों व अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के सहयोग एवं मार्गदर्शन में गत वर्ष इसी पवित्र भूमि पर भव्य कुम्भ-दिव्य कुम्भ का सफलतापूर्वक आयोजन सम्भव हुआ था और प्रधानमंत्री जी के महत्वपूर्ण योगदान से पहली बार श्रद्धालुओं को अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सका था। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों, वंचितों की सेवा परमपिता परमेश्वर की असली सेवा है, जिसका सौभाग्य हम सबको मिला है। इसमें दोराय नहीं कि प्रधानमंत्री जी के व्यक्तिगत सहयोग से ही गंगा जी का जल स्वच्छ, निर्मल एवं अविरल हुआ है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री जी ने ही विकलां
ग शब्द को हटाकर उनको दिव्यांगजन नाम देकर उन्हें सम्मान देकर उनका गौरव बढ़ाया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को आज बने तीन नए विश्व रिकाॅर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया। इस अवसर पर गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड के प्रतिनिधि उपस्थित थेे। उन्होंने कहा कि आज यह दूसरा अवसर है जब तीर्थराज प्रयाग की यह पावन भूमि तीन नए विश्व रिकाॅर्ड की साक्षी बनी है। गत वर्ष कुम्भ के अवसर पर भी इस पावन स्थली पर तीन विश्व रिकाॅर्ड स्थापित हुए थे। इस कार्यक्रम की एक विशेषता यह भी थी कि मंच पर प्रधानमंत्री जी सहित अन्य वक्ताओं का साइन ट्रांसलेशन श्री इरफान द्वारा किया गया, जिसकी खूब सराहना की गयी। प्रधानमंत्री जी ने स्वयं श्री इरफान से हाथ मिलाकर उन्हें इसके लिए बधाई दी।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ0 थावरचंद्र गहलोत ने प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह दिव्यांगजन महाकुम्भ देश और विदेश का ऐतिहासिक महाकुम्भ है, जिसमें वृद्धजनों व दिव्यांगजन के शारीरिक, शैक्षणिक विकास के लिए अनेक उपकरण वितरित किए गए है। शिविर में 26,874 लोगों को 56 हजार से अधिक उपकरणों का वितरण किया गया है। इसके साथ ही प्रयागराज की पावन धरती पर दिव्यांगज उपकरण वितरण में तीन नए विश्व रिकाॅर्ड भी बन गए हैं। पहला गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड हाथ से चलने वाली 300 ट्राइसाइकिल को 1.8 कि0मी0 चलाकर रिकाॅर्ड बनाया गया है, तो दूसरा विश्व रिकाॅर्ड हाथ से चलने वाली 626 ट्राईसाइकिल को एक घण्टे में निःशुल्क वितरित करने का है। तीसरा गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड 13 मिनट में सबसे बड़ी 400 व्हील चेयर की लाइन, जिसे दिव्यंागजन व वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बनाया गया है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में संचालित योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचे, इसके लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सदैव प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजन के लिए यूनिवर्सल कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से देश के किसी भी कोने में दिव्यांगजन को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना के लिए व्यापक जनसहभागिता आवश्यक है। इस तरह के आयोजन तभी सफल होंगे, जब उसमें सबके साथ और सबके विकास की मूलभावना निहित होगी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, केन्द्रीय मंत्री श्री रामदास अठावले, केन्द्रीय मंत्री श्री कृष्ण पाल, केन्द्रीय मंत्री श्री रतन लाल कटारिया, उ0प्र0 के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्रिगण श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, श्री रमापति शास्त्री, डाॅ0 महेन्द्र सिंह, श्री अनिल राजभर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इसके पूर्व, बमरौली एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रधानमंत्री जी का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी का अंगवस्त्रम भेंट कर स्वागत किया।
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