भू-जोखिम प्रबंधन के लिए एमओआरटीएच और डीआरडीओ आपसी सहयोग करेंगे
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) और रक्षा अनुसंधान एवम विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय ने भू-जोखिम के स्थाई प्रबंधन के लिए तकनीकी आदान-प्रदान और सहकार्यता के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए आज नई दिल्ली में एक रूपरेखीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर सचिव एमओआरटीएच श्री गिरधर अरमाने और सचिव डीआरडीओ डॉ. सतीश रेड्डी ने हस्ताक्षर किए।
इस पर सहमति व्यक्त की गई है कि एमओआरटीएच और डीआरडीओ पारस्परिक हितों के क्षेत्रों में सहयोग करेंगे, जिसमें हमारे देश के बर्फीले क्षेत्रों में सभी मौसम में संपर्क के लिए एकीकृत हिमस्खलन/भूस्खलन सुरक्षा तंत्र की वैचारिक योजना शामिल है, जिसमें सुरंगों और पुलों की पूर्व व्यवहार्यता और विभिन्न हिमस्खलन/भूस्खलन नियंत्रण संरचनाओं की योजना, सुरंगों की डिजाइनिंग, भूवैज्ञानिक/ भू-तकनीकी / भूभाग मॉडलिंग और सुरंगों के अन्य संबंधित पहलुओं के लिए प्रस्ताव/डीपीआर तैयार करने में सहयोग शामिल हैं। यह पहल देश में भू स्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रतिकूल असर से एनएच पर सड़क का इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
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