राज्यपाल ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, प्रगतिशील कृषकों से किया संवाद
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज अपने एक दिवसीय भ्रमण के दौरान जनपद देवरिया के पुलिस लाइन में कृषि एवं विकास पर आधारित प्रर्दशनी का अवलोकन किया। इसके पूर्व उन्होंने वहां लगाये गये स्टाल एवं प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस लाइन स्थित नवनिर्मित प्रेक्षागृह का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय आजीविका मिशन, प्रगतिशील कृषकों, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण के लाभार्थियों से संवाद किया तथा आकांक्षा समिति, कृषि, एन0आर0एल0एम0, प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण व क्षय रोग से जुड़े विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने कार्यों का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 3 करोड 56 लाख 25 हजार रूपये का प्रतीक चेक भी राज्यपाल द्वारा दिया गया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पहले महिलाओं को अवसर नही मिलता था। स्वयं सहायता समूह बनने से पूरे देश की महिलाएं जागरुक हुई हैं। उनमें टेलेन्ट दिखा। अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छे कार्य करने लगी। महिलाये जो भी कार्य करती हंै, मन से और समय से करती है। इसलिये महिलाएं सफल हुई हैं। महिलाओं को सशक्त और बेटी को पढ़ाना चाहिये। अब यह परिवर्तन आया है। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अपना कर महिलायें उनसे जुडी हुईं हैं। उन्हांेने कहा कि संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी यदि महिलाओं के माध्यम से हो, तो काफी जागरुकता आयेगी। इसके लिये उन्होने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की योजनाओं की आपस में चर्चा करने तथा लोगों को उसे बताये जाने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि कन्या सुमंगला योजना राज्य सरकार की अच्छी योजना है, इससे महिलाओं में साक्षरता बढे़गी। इसे स्वयं सहायता समूहो के माध्यम से आगे बढाना चाहिये। आयुष्मान भारत योजना में भी स्वयं सहायता समूहो की महिलाओं की भागीदारी, यदि ली जाये तो काफी इसमें भी अच्छे परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि कैम्प लगाकर संचालित योजनाओं के प्रति महिलाओं को जागरुक किया जाये। कुपोषित बच्चे का जन्म न हो, इसके लिये भी लोगों में जागरुकता लायी जाए। राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा इसके लिये 5 हजार रुपये गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के लिये उपलब्ध कराया जाता है, जिसके लिये वे महिलाओं को बतायें और उसका उपयोग करायें।
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