अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा के फिल्म निर्माताओं का संवाददाता सम्मेलन

    ईरानी फिल्म सन-मदर’ की निर्देशक सुश्री महनाज़ मोहम्मदी ने कहा कि स्वतंत्र रूप से फिल्म बनाने की इच्छा रखने वालों को खुद को सरकारी धन से दूर रखना चाहिए। उन्होंने कहा, सरकार उन्हीं निर्देशकों को धन देगी, जो उसके नियमों का पालन करेंगे और उसकी बात सुनेंगे। आपको व्यवस्था और मानदंडों का हिस्सा बनना पड़ता है। मैंने अपनी फिल्मों का निर्माण करने के लिए एक वृत्तचित्र फिल्म निर्माता के रूप में अपनी कमाई का इस्तेमाल किया। वह पणजी में 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में एक संवाददाता सम्मेलन में भाग ले रही थीं।


आई एम गोना टेल गॉड एवरीथिंग के निर्देशक देव पीन, द अदर हॉफ के निर्माता अलुदैनी सुबोधी थेरो तथा द फोर्थ वॉल के निर्देशक झांग चोंग भी मौजूद रहे।
दुनिया भर में ईरानी फिल्मों की स्वीकार्यता के बारे में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा, “ईरानी लोग कवियों के साथ बड़े होते हैं। हमें प्रत्येक अवसर के लिए कविताओं की आवश्यकता होती है। शायद यही कारण है कि दुनिया भर के लोग ईरानियों द्वारा बनाई गई फिल्मों को पसंद करते हैं। निर्देशक ने अपनी फिल्म सन-मदर’ के बारे में बताया कि यह फिल्म ईरान में एक ऐसी विधवा के बारे में है, जो कामकाजी है और अपने परिवार को साथ रखने की कोशिश करते हुए एक असंभव स्थिति का सामना करती है।
'आई एम गोना टेल गॉड एवरीथिंगके निर्देशक देव पीन ने उन घटनाओं के बारे में बताया कि जिन्होंने उन्हें यह फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया। Dev Pinn @ Vasu Pinnamaraju  ने कहा कि फिल्म का शीर्षक दमिश्क के एक अस्पताल में 3 साल के सीरियाई लड़के के अंतिम शब्दों से लिया गया है। उन्होंने कहा, "यह फिल्म 2011 और 2018 के बीच सीरिया में घटित सच्ची घटनाओं से संबंधित है और बताती है कि पश्चिमी एशिया के खून-खराबे वाले दौर में मानव जीवन किस तरह कैसे दांव पर लग गया"। उन्होंने अमेरिका की बंदूक संस्कृति पर भी एक फीचर फिल्म बनाने की अपनी योजना के बारे में बताया।
फिल्म के विषय को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि जब उम्रदराज लोगों पर उनके स्वार्थ और जरूरतें हावी हो जाती हैंतो बच्चे ही हैं जो हमें मानवता के मूलभूत मूल्यों की याद दिलाते हैं।
द अदर हॉफ’ के निर्माता अलुदेनी सुबोधी थेरो ने कहा कि उनकी फिल्म श्रीलंका की शिक्षक केंद्रित शिक्षा प्रणाली को छात्र केन्द्रित शिक्षा प्रणाली में परिवर्तित करने के महत्व पर चर्चा करती है। उन्होंने कहा कि कृषि के लिए रसायनों के बेतहाशा इस्तेमाल जैसी पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर भी फिल्म में चर्चा की गई है। सुबोधी ने कहा कि लोगों को बेहतरी के लिए बदलने और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए कला और सिनेमा का उपयोग किया जा सकता है।
द फोर्थ वॉल’ के निदेशक झांग चोंग ने कहा कि वह क्रिस्टोफर नोलन जैसे अनेक फिल्म निर्माताओं की शैली से प्रभावित रहे हैं। चीन में भारतीय फिल्म बाजार के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “हर सीजन में एक या दो भारतीय फिल्में और साल भर में 10 फिल्में रिलीज होती हैं। आमिर ख़ान की फ़िल्मों को चीनी फ़िल्म बाज़ार में बहुत सारे कद्रदान मिलते हैं। भारतीय व्यावसायिक फिल्में भी चीन में बहुत लोकप्रिय हैं। संस्कृति की दृष्टि से उनमें बहुत समानताएं हैं।
पृष्ठभूमि
सन-मदर
लैला के कार्यस्थल में संकट की स्थित है, जहां नौकरियां दांव पर लगी हैं। लैला का सहकर्मी काज़िम उसके सामने शादी का प्रस्ताव पेश करता है, लेकिन लैला उसे स्वीकार करते हुए हिचकिचाती है। काज़िम की एक बेटी है, जो लैला के 12 साल के बेटे आमिर अली की हमउम्र है। काज़िम लैला से कहता है, जब तक वह अपनी बेटी की शादी न कर दे, तब तक वह अपने बेटे को उसके घर न लेकर आए। जब लैला की नौकरी चली जाती है, तो वह काज़िम के साथ रहने का फैसला करती है और आमिर अली को बधिर बच्चों वाले एक बोर्डिंग स्कूल में छोड़ आती है। आमिर अली भी दिव्यांग होने का दिखावा करता है और वहां से भाग निकलने की कोशिश करता है, लेकिन काज़िम उसको अपने परिवार के भविष्य के बारे में सोचने को कहता है।   
'आई एम गोना टेल गॉड एवरीथिंग'
यह फिल्‍म 2011-2018 के बीच सीरिया में गृह युद्ध के दौरान घटित सच्ची घटनाओं पर आधारित है। अनीस एक सामाजिक कार्यकर्ता है जो युद्ध की समाप्ति चाहता है। वह सीरिया में हो रही क्रूरताओं के बारे में वीडियोतस्वीरें और जानकारी इकट्ठा करता है और उन्हें दुनिया के साथ साझा करता हैताकि कुछ मदद मिल सके। वह अपनी पत्नी और बच्चों- 7 वर्षीय सामिया और 5 साल के यूसुल के साथ सीरिया के अलेप्पो में एक दूरदराज के बाहरी इलाके में रहता है। लेकिन जल्द ही सरकार के साथ-साथ सरकार विरोधी संगठनों का निशाना बन जाता है। बाधाओं के बावजूद क्या अनीस अपनी योजनाओं में सफल हो पाएगा?
द अदर हॉफ
श्रीलंका के एक गांव मेंएक परिवार कृषि रसायनों के कारण जहर का शिकार बन जाता है। इसके कारण रुवंसिरी के पिता की असामयिक मृत्यु हो जाती है। रुवंसिरी अपनी मां से दूर हो जाता है और परिवार की गुजर-बसर के लिए काम करना शुरू कर देता है। स्कूल मेंवह उन पाठों को समझने की जद्दोजहद करता है जो एक कठोर शैक्षिक प्रणाली के तहत सिखाए जा रहे हैं जिन्‍हें केवल रटा जा सकता है । उस माहौल से भागे हुए रूवांसिरी को संगीत में धीरज मिलता है। क्या उसका जुनून हालात से निपटने में उसकी मदद कर सकता हैश्रीलंका के जाने-माने टीवी कार्यक्रमों के लेखक- निर्देशक ललित रत्‍नायके की फिल्म द अदर हॉफ की कहानी इसी तरह की है।
द फोर्थ वॉल
लियू लू एक हिरण प्रजनन फार्म में काम करते हुए नीरस और साधारण जीवन बिता रही है। उसका दोस्त मा हे उसके प्यार को जीतने की व्यर्थ की कोशिश कर रहा है। लेकिन ऐसे लग रहा हैजैसे वह खुद को किसी तरह की मानवीय भावनाओं या प्रेम से अलग-थलग करती जा रही है। मा हे उसे बताता है कि समानांतर दुनिया में वह एक अन्‍य लियू लू और एक अन्‍य लड़की को जानता है। जितना अधिक वह 'उसकेके बारे में जानती हैउतना अधिक लियू लू अपने अतीत की लंबे समय से दबी हुई यादों के बारे में पता चलता है। झांग चोंग अपनी फिल्म द फोर्थ वॉल में दर्शकों को यह फंतासी दर्शाते हैं।

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