अयोध्या प्रकरण में सोशल मीडिया की निरन्तर मानीटरिंग करते हुए सामाजिक सौहार्द को भंग करने की चेष्टा करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा अयोध्या प्रकरण में मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्णय की प्रत्याशा में दिनांक 08.11.2019 के सायंकाल में समस्त प्रदेश वासियों से सोशल मीडिया को जिम्मेदारी के साथ उपयोग करने हेतु अपील की गयी थी तथा भ्रामक सूचनायें, विभेदकारी पोस्ट एवं अफवाहों को प्रसारित करने वालों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही के निर्देश भी दिये गये एवं एक विशेष व्हाट्सएप नम्बर 8874327341 जारी किया गया। उक्त के क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था एवं पुलिस महानिरीक्षक, कानून-व्यवस्था के निकट पर्यवेक्षण में पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल तथा प्रत्येक जनपदीय सोशल मीडिया सेल में कार्यरत पुलिस कर्मियों द्वारा निरन्तर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है।
सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म/इन्टरमीडियरी जैसेः-फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, यूट्यूब आदि के ऐसे पोस्ट/ट्वीट/वीडियो जिनसे सामाजिक सौहार्द प्रभावित होने की सम्भावना थी, उनके विरूद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्यवाही की गयी। यहां यह भी साझा करना उल्लेखनीय होगा कि अधिकांश पोस्ट तथा टेªन्डिंग हैशटैग मा0 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को सम्मानपूर्वक स्वीकार करने तथा आपसी सौहार्द बनाये रखने से सम्बन्धित रहे। आपत्तिजनक पोस्ट के विरूद्ध निम्नलिखित कार्यवाही की गयीः-
12 अभियोग पंजीकृत किये गये एवं कुल मिलाकर 37 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गयी।
सम्पूर्ण प्रदेश में कुल 3712 सोशल मीडिया पोस्टों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी, जिसमें उन्हें रिपोर्ट कर हटवाना, डायरेक्ट मैसेज के माध्यम से डिलीट कराना तथा प्रोफाइल हटवाना आदि कार्यवाही सम्मिलित है। इसमें 865 पोस्ट के विरूद्ध कार्यवाही मुख्यालय पुलिस महानिदेशक के सोशल मीडिया सेल द्वारा की गयी।
सबसे अधिक कार्यवाही ट्विटर (2426 पोस्ट) पर की गयी। फेसबुक पर 865 पोस्ट तथा यूट्यूब के 69 वीडियो एवं प्रोफाइल के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। अन्य कार्यवाही शेष सोशल मीडिया प्लेटफार्म से सम्बन्धित रही।
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों/वीडियों आदि की निगरानी एवं उनके विरूद्ध कार्यवाही निरन्तर प्रचलित रहेगी। सम्पूर्ण प्रदेश में शान्ति-व्यवस्था कायम है।
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