बासमती निर्यात विकास संगठन ने जैविक बासमती चावल की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हितधारकों के साथ वर्कशॉप के आयोजन का निर्णय लिया

 बासमती निर्यात विकास संगठन (बीईडीएफएक पंजीकृत सोसायटी हैजिसकी स्थापना वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडाद्वारा की गयी है। बीईडीएफ ने बासमती चावल की विविधता की पहचान और कीटनाशक अवशेषोंएफ्लाटॉक्सिन और भारी धातुओं के परीक्षण के लिए डीएनए फिंगर प्रिंटिंग की सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की है। प्रयोगशाला और प्रदर्शन तथा प्रशिक्षण फार्म, एसवीपी कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयमोदीपुरम के परिसर में स्थापित किया गया है। सोसायटी आईएसओ: आईईसी: 17020 के अनुसार मान्यता और निरीक्षण निकाय के रूप में मान्यता के लिए प्रयासरत है।

संगठन की गतिविधियां बासमती चावल के निर्यात के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर केंद्रित हैं। बीईडीएफ की 8वीं वार्षिक आम बैठक 24 नवंबर 2020 को आयोजित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता एपीडा के अध्यक्ष डॉ एम अंगामुथु ने की थी। एजीएम के दौरानजैविक बासमती चावल की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए हितधारकों के साथ एक कार्यशाला आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। निर्यातकों को मूल्य संवर्धन और उत्पाद में विविधता के लिए प्रोत्साहित करने का भी निर्णय लिया गया।

भारत से निर्यात के मामले में बासमती चावल सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है। 2019-20 के दौरान भारत ने 4331 मिलियन डॉलर के मूल्य के 4.45 मिलियन एमटी टन बासमती चावल का निर्यात किया। पिछले 10 वर्षों मेंबासमती चावल का निर्यात में दोगुनी से अधिक वृद्धि हुई है। 2009-10 के दौरान बासमती चावल का निर्यात 2.17 मिलियन एमटी था। प्रमुख बाजार सऊदी अरबयूएईईरानयूरोपीय संघ और यूएसए हैं। बासमती चावल एक पंजीकृत भौगोलिक संकेत (जी आई है।

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