सीमा शुल्क (व्यापार समझौतों के अंतर्गत नियमों का प्रशासन) नियम 2020 का 21 सितंबर 2020 से क्रियान्वयन

 सीमा शुल्क (व्यापार समझौतों के अंतर्गत नियमों का प्रशासन) नियम 2020 (सीएआरओटीएआर, 2020) के संबंध में 21 अगस्त, 2020 को अधिसूचना जारी की गई थी। आयातकों और अन्य को नए नियमों को समझने के लिए दी जाने वाले 30 दिनों की अवधि पूर्ण होने पर इसे 21 सितंबर 2020 से लागू किया जा रहा है।

सीएआरओटीएआर, 2020 वित्तमंत्री की उस प्रतिबद्धता का क्रियान्वयन है जिसमें उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा था कि एफटीए का दुरुपयोग रोकते हुए घरेलू उद्योगों के हित संरक्षित किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा था कि एफटीए दावों के अनुचित लाभ से घरेलू उद्योग के लिए चुनौती पैदा हो गई है। ऐसे आयातों पर कड़ाई से निगरानी रखे जाने की ज़रूरत है। इसके संदर्भ में सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 में उचित संशोधन किए गए हैं।

सीएआरओटीएआर, 2020 संबन्धित सीबीआईसी परिपत्र संख्या 38/2020-सीयूएस, दिनांक 21 अगस्त, 2020 को जारी किया गया था, जो विभिन्न व्यापार समझौतों (एफटीए/ पीटीए/ सीईसीए/ सीईपीए) के अंतर्गत पहले से क्रियान्वित प्रमाणन प्रक्रिया का स्थान लेगा। अब आयातक को किसी भी वस्तु का आयात करने से पहले अपेक्षित सतर्कता दिखते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस जगह से आयात किया जा रहा है वह निर्धारित मापदंड को पूरा कर रहा है या नहीं। सामान्य दिशा निर्देशों के साथ-साथ आयातकों के उपयोग हेतु संक्षिप्त जनकारियों की सूची को भी इन नियमों में शामिल किया गया है। आयातक को अब ओरिजिन प्रमाण पत्र में उपलब्ध बिल ऑफ एंट्री में वस्तु उत्पादन स्थल के संबंध में भी सूचनाएँ देनी होंगी।

नए नियमों से उत्पादक देश के बारे में पता लगाने में आसानी होगी साथ ही सीमा शुल्क में छूट के दावों में आसानी होगी और एफ़टीए के अंतर्गत सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा सहज अनुमति में सहूलियत होगी। नए नियमों को लेकर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) पक्षकारों के साथ सक्रियता से संलग्न है और नए नियमों के संबंध में किसी तरह के संशय को दूर करने हेतु वेबिनार कर रहा है।

नए नियमों की मदद से सीमा शुल्क विभाग के हाथ मजबूत होंगे और विभिन्न व्यापार समझौतों के तहत सीमा शुल्क में छूट का गलत लाभ लेने की कोशिशों पर लगाम लगेगी।

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