सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता) आदेश, 2017 में संशोधन

 भारत सरकार ने 16 सितम्बर, 2020 को सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता) आदेश, 2017 में संशोधन किया हैजिसके तहत वर्ग और वर्ग- II के स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए न्यूनतम स्थानीय सामग्री की सीमाजो पहले क्रमशः 50% और 20% तय की गयी थीको बढाने की अधिसूचना जारी करने के लिए नोडल मंत्रालयों/विभागों को सक्षम किया गया है।

आदेश के अनुसारऐसे देश जो किसी भी वस्तु के लिए भारतीय कंपनियों को अपनी सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं देते हैंउन देशों की इकाइयों कोनोडल मंत्रालय/विभाग से संबंधित सभी वस्तुओं के लिए भारत में सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह वस्तुओं की उस सूची पर लागू नहीं होगीजिसे मंत्रालय/विभाग द्वारा प्रकाशित किया गया है और जिसमें उनकी भागीदारी की अनुमति दी गयी है। 

बोली दस्तावेजों में विदेशी प्रमाणपत्र/अनुचित तकनीकी विनिर्देश/ब्रांड/मॉडल निर्दिष्ट करना आदि स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ प्रतिबंधात्मक और भेदभावपूर्ण व्यवहार है। विदेशी प्रमाणीकरणयदि आवश्यक होतो संबंधित विभाग के सचिव के अनुमोदन के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

सभी प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग जिनकी खरीद 1000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष से अधिक हैवे अगले 5 वर्षों के लिए अपने खरीद अनुमानों को अपने वेबसाइट पर अधिसूचित करेंगे।

खरीद की उस ऊपरी सीमा को भी अधिसूचित किया जायेगाजिससे अधिक होने पर विदेशी कंपनियों को सरकारी निविदाओं में भाग लेने के लिए भारतीय कंपनी के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाना होगा।

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