भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने मुंबई में वित्‍तीय ऋणदाताओं के लाभ के लिए ‘‘ऋणदाताओं की समिति: लोक विश्‍वास की एक संस्‍था’’ पर अपनी तरह की प्रथम दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया

भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने भारतीय स्‍टेट बैंक (एसबीआई) एवं भारतीय कंपनी मामले संस्‍थान (आईआईसीए) के साथ संयुक्‍त रूप से मुंबई में 15 एवं 16 फरवरी को ‘‘ऋणदाताओं की समिति: लोक विश्‍वास की एक संस्‍था’’ पर अपनी तरह की प्रथमदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
 यह कार्यशाला अनूठा एवं वित्‍तीय ऋणदाताओं के लाभ के लिए अपनी तरह का प्रथम आयोजन है, जिसमें दिवाला और शोधन अक्षमता कोड, 2016 के तहत ऋणदाताओं की समिति से निर्मित है। प्रमुख अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के 28 वरिष्‍ठ अधिकारियों (महाप्रबंधकों एवं कार्यकारी निदेशकों) ने कार्यशाला में भाग लिया।
      संकाय में श्री एम के शरावत (सदस्‍य, एनसीएलटी), डॉ. एम एस साहू (अध्‍यक्ष, आईबीबीआई), श्री एन एस विश्‍वनाथन (डिप्‍टी गवर्नर, आरबीआई), श्री रजनीश कुमार (अध्‍यक्ष, एसबीआई), श्री सी एस शेट्टी (उप प्रबंध निदेशक, एसबीआई), श्री राशेश शाह (अध्‍यक्ष, एडिलविस ग्रुप), श्री अबीजर दिवानजी (पार्टनर, अर्नेस्‍ट एण्‍ड यंग), श्री मनीष अग्रवाल (पार्टनर, केपीएमजी), श्री विजय कुमार वी अय्यर (पार्टनर, डिलॉयट), श्री संजीव कृष्‍ण (पार्टनर, पीडब्‍ल्‍यूसी इंडिया) और श्री सिरिल श्रॉफ (प्रबंध पार्टनर, सीएएम) भी शामिल थे।

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