राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा न्यू मंगलौर में सीबीआरएन आपात स्थितियों के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) मंगलूरू के न्यू मंगलौर पोर्ट ट्रस्ट में एक बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। आज से शुरू किए गए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य बंदरगाहों में सीबीआरएन आकस्मिक स्थितियों में सहायता के लिए सी-पोर्ट इमरजेंसी हैंडलर्स (एसईएच) की तैयारी को बढ़ाना है।
ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला में यह पहला कार्यक्रम है, जो पूरे देश में विभिन्न बंदरगाहों पर आयोजित किया जाएगा, ताकि एसईएच को विशेष मोचन दलों के आने तक उचित मदद करने में समर्थ बनाया जा सके। सीबीआरएन आकस्मिक स्थितियां रसायन, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु सामग्री के उपयोग से पैदा हुए खतरों से संबंधित हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए), इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसी भी सीबीआरएन की आपातकाल स्थिति को संभालने में एसईएच को सक्षम बनाकर हमारे बंदरगाहों पर सीबीआरएन सुरक्षा में सुधार लाएगा।
इस कार्यक्रम में व्याख्यान के साथ-साथ क्षेत्र प्रशिक्षण और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के उपयोग सहित खोज और परिशोधन के प्रदर्शन को भी शामिल किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एसईएच को प्राथमिक चिकित्सा सहायता और प्रारंभिक मनोवैज्ञानिक, सामाजिक सहायता प्रदान करने में भी सक्षम बनाएगा। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीआरसी) तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) जैसे हितधारक विभागों के विशेषज्ञ भी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देंगे। बंदरगाह परिचालन और रख-रखाव की जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 50 प्रतिभागियों को सीबीआरएन आकस्मिक स्थिति के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।
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