पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा अज्ञात शवों के मर्यादित ढंग से निस्तारण के सम्बन्ध में दिये गये दिशा-निर्देश।

ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश के समस्त जोनल पुलिस महानिदेशक/अपर पुलिस महानिदेशक रेलवेज, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद, उ0प्र0 को निर्देशित किया गया कि लावारिश शवों का सम्मानपूर्वक एवं गरिमापूर्ण ढंग से निस्तारण किया जाय। 
    मुख्यालय स्तर से इस सम्बन्ध में पूर्व में भी निर्देश अनुपालनार्थ प्रेषित किये गये हैं। उक्त क्रम में लावारिश शवों के मर्यादित ढंग से निस्तारण हेतु निम्न निर्देश निर्गत किये गये हैः- 
 जब भी अज्ञात शव पुलिस द्वारा प्राप्त किया जाये जिस पर न तो कोई दावा करता हो और न ही जिसे पहचाना जा सके, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 174 के अधीन अन्वेषण करने वाले पुलिस अधिकारी द्वारा उसका पता लगाने का अधिक से अधिक व्यापक प्रचार-प्रसार करें तथा सोशल मीडिया के माध्यम से भी जानकारी/शिनाख्त का प्रयास किया जाए। जिला अपराध अभिलेख व्यूरो (क्ब्त्ठ) एवं एस0सी0आर0बी ;ैब्त्ठद्ध को भी तत्काल सूचित किया जाए एवं त्रिनेत्र एप के माध्यम से भी पहचान का प्रयास किया जाए।
लावारिश शवों को पोस्टमार्टम अथवा अंतिम संस्कार के लिए परिवहन हेतु उनका पूर्ण सम्मान एवं मर्यादा के साथ बन्द वाहन/एम्बुलेंस में ले जाने की व्यवस्था की जाये।
 लावारिश शवों के निस्तारण में आने वाली समस्याओं के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में कार्यरत् स्वंय सेवी संस्थाओं की एक बैठक करें एवं उनके साथ समन्वय स्थापित करते हुये  शव  को मर्यादित ढ़ग से  निस्तारित 
किये जाने हेतु शवों के परिवहन एवं अन्तिम संस्कार में सहयोग प्राप्त करना सुनिश्चित करें। 
शासनादेश के क्रम में निर्देश निर्गत कर प्रत्येक शवों के निस्तारण हेतु 2700 रूपये का प्राविधान किया गया है जिसमें कफन के लिए 300 रू0, शव जलाने 
हेतु लकड़ी अथवा दफनाये जाने, खुदाई व पटाई पर निर्धारित धनराशि 2000/- रूपये शव को शव स्थल से चीर घर ले जाने व मरघट/कब्रिस्तान ले जाने हेतु किराये की धनराशि 400/-रूपये निर्धारित की गयी है। आवंटित अनुदान का उपयोग शव के निस्तारण में किया जाए।
 कार्यालयाध्यक्ष/पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जनपदों से प्राप्त बजट में से आवश्यकतानुसार आवंटित धन को अग्रिम के रूप में अपने विभागाध्यक्ष अपर पुलिस महानिदेशक जोन या पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र, से अनुमति प्राप्त करके, आहरित करा लें तथा उसे थानों में वितरित करा दें तथा थानों से शवों के निस्तारण पर हुए व्यय संबंधी बिल प्राप्त करके उसका एक समय सीमा के अंतर्गत समायोजन करा लें। 
उ0प्र0 पुलिस मुख्यालय द्वारा शव के निस्तारण हेतु किये गये अनुदान आवंटन में कमी होती है तो इस सम्बन्ध में उ0प्र0 पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद से पत्राचार कर अनुदान आवंटन हेतु अनुरोध किया जाए।
प्रत्येक माह पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, एवं क्षेत्राधिकारी के स्तर पर किये जाने वाले थानों के निरीक्षण, ओ0आर0 एवं अपराध गोष्ठी में इस बजट की समीक्षा अवश्य करें तथा थानों में गोष्ठी करके समस्त पुलिसकर्मियों को इस संबंध में भलीभांति ब्रीफ करें कि वे अज्ञात शवों के निस्तारण के संबंध में उक्त किया गया व्यय भार अनुमन्य है उनका निस्तारण मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुरूप करना सुनिश्चित करें। 
इस प्रकार के प्रकरणों में सम्बन्धित थाना, बीट इन्चार्ज एवं आरक्षीगण को प्रक्रिया के बारे में भली-भाॅति अवगत करा दें ताकि किसी प्रकार की लापरवाही/शिथिलता परिलक्षित न हो। इस सम्बन्ध में कमी पाये जाने पर सम्बन्धित थानाध्यक्ष जिम्मेदार होगें। 

    उपरोक्त बिन्दुओं को आप स्वयं गम्भीरता से अध्ययन कर एक गोष्ठी के माध्यम से जनपद मे नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को इस सम्बन्ध में पूर्ण रूप से अवगत करा दें तथा इस सम्बन्ध में सतर्क कर दे कि वह अपने दायित्वों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही/उदासीनता अथवा शिथिलता न बरतें।

Comments

मुख्य समाचार

योगी आदित्यनाथ के मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

राज्यपाल से मिले प्रशिक्षु आई0पी0एस0 अधिकारी..

वर्षांत समीक्षा 2018 - मानव संसाधन विकास मंत्रालय