गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा गरीबी कम करने का सबसे प्रभावी तरीका

उपराष्‍ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु ने कहा है कि गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा गरीबी कम करने, लैंगिक समानता प्राप्‍त करने और रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए सबसे प्रभावी उपायों में एक है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय मूल्‍यों की शिक्षा देने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाना चाहिए तथा कक्षाओं को आनंदपूर्ण शिक्षा प्राप्ति केंद्र के रूप में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
आज बेंगलूरू में सीएमआर विश्‍वविद्यालय कैम्‍पस का उद्घाटन करने के बाद श्री नायडु ने कहा कि पाठ्यक्रम, अवसंरचना, शिक्षण और परीक्षाओं में नई चीजों को जोड़ना चाहिए ताकि छात्र 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना कर सकें। 
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि सीएमआर जैसे शैक्षणिक संस्‍थानों और शिक्षकों को नवाचार पर जोर देना चाहिए तथा बच्‍चों में वैज्ञानिक सोच की भावना को विकसित करना चाहिए। इन प्रयासों से 21वीं सदी की समस्‍याओं को दूर करने में सहायता मिलेगी। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना, स्‍वच्‍छ ऊर्जा, जल संरक्षण, भूखमरी, अपशिष्‍ट प्रबंधन आदि नई सदी की चुनौतियां हैं।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में भारत का एक महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। हमें शिक्षा की गुणवत्‍ता को बेहतर बनाने की जरूरत है ता‍कि यह विश्‍व की आवश्‍यकताओं के अनुरूप हो। उन्‍होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अधिक संसाधनों के निवेश की जरूरत है। इसमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर डॉक्‍टरेट तक की शिक्षा व्‍यवस्‍था शामिल है।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि मानव संसाधन में विकास के लिए निवेश की आवश्‍यकता है। शिक्षा व्‍यवस्‍था में बदलाव की जरूरत है ताकि भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा सामाजिक-आर्थिक विकास में मिल सके।
उपराष्‍ट्रपति ने शैक्षणिक संस्‍थानों और निजी क्षेत्र का आह्वाहन करते हुए कहा कि उन्‍हें सरकार के साथ मिलकर शिक्षा और प्रशिक्षण के ऊंचे मानदंड स्‍थापित करने चाहिए। उन्‍हें कौशल भारत, मेक इन इंडिया, स्‍टार्टअप इंडिया और स्‍टेंडअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों की सहायता से देश के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए और रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराने चाहिए।
श्री नायडु ने कहा कि आर्थिक प्रगति और सामाजिक समावेश के नए युग में प्रवेश के लिए नवाचार और उद्यमिता, दो प्रमुख घटक है। भारत को नवाचार और उद्यमिता के विकास के लिए बेहतर माहौल बनाने की आवश्‍यकता है।
उपराष्‍ट्रपति ने युवाओं से आग्रह किया कि उन्‍हें पूर्वाग्रह, अंधविश्‍वास और उन रूकावटों से मुक्‍त होना चाहिए जो हमें पीछे ले जाते है। युवाओं को जाति, लिंग, आर्थिक स्थिति और पेशे जैसी बातों से ऊपर उठना चाहिए क्‍योंकि ये हमें बांटती हैं। युवाओं को देश की असीमित विभिन्‍नताओं का आनंद लेना चाहिए।
इस अवसर पर सीएमआर विश्‍वविद्यालय की कुलपति डॉ.सबीता रामामूर्ति, संसद सदस्य और सीएमआर संस्‍थान ग्रुप के चेयरमैन श्री के.सी.रामामूर्ति व अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे।

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