श्री अर्जुन मुंडा ने कोलकाता और ग्वालियर में दो ट्राइब्स इंडिया बिक्री केन्द्रों का उद्घाटन किया
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज कोलकाता में एक भव्य समारोह में दो ट्राइब्स इंडिया शोरूम (व्यक्तिगत रूप से कोलकाता और वर्चुअल रूप से ग्वालियर में) का उद्घाटन किया। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह और ट्राइफेड के अध्यक्ष श्री रमेश चंद मीणा एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दीपक खांडेकर ने सम्मानित अतिथि के रूप में उद्घाटन समारोह में भाग लिया। ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण और ट्राइफेड के अन्य अधिकारी कोलकाता के साल्ट लेक सिटी क्षेत्र में स्थित नवीन शोरूम में मौजूद थे।
पारंपरिक दीप प्रज्जवलन के पश्चात श्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय हथकरघा और हस्तशिल्प एवं जनजातीय उत्पादों की सराहना करते हुए इस केन्द्र का निरीक्षण भी किया। श्री अर्जुन मुंडा ने प्राकृतिक, जैविक प्रतिरक्षा में वृद्धि करने वाले उत्पादों, हस्तकला और अन्य शिल्पों से निर्मित वस्तुओं को प्रदर्शित कर रहे कर्मचारियों और जनजातीय विक्रेताओं के साथ वार्तालाप करते हुए उनकी सराहना की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री मुंडा ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों और वस्तुओं को बढ़ावा देने और विपणन करने के कार्य में जुटा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय हस्तशिल्प और हथकरघा एवं वन धन प्राकृतिक और प्रतिरक्षा वृद्धि के विपणन के लिए देशभर में 124वें और 125वें ट्राइब्स इंडिया शोरूम का उद्घाटन करने पर उन्हें प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
उन्होंने जनजातीय लोगों की कला और संस्कृति को संरक्षित करने और इसे बढ़ावा देने के महत्व के बारे में भी विस्तार से चर्चा की, जो जनसंख्या का लगभग 8 प्रतिशत है। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की समग्र स्थिति में सुधार लाने के लिए ट्राइफेड और मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रसन्नता व्यक्त जताई।
इस अवसर पर अपने संबोधन में जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह ने महामारी के समय में भी अथक परिश्रम के साथ किए जा रहे प्रयासों के लिए ट्राइफेड की पूरी टीम को बधाई दी और मंत्रालय के "स्थानीय के लिए मुखर" लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित रखने पर बल दिया। ट्राइफेड के अध्यक्ष श्री रमेश चंद मीणा ने भी सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की और टीमों से जनजातीय लोगों के विकास के लिए कार्य जारी रखने का आग्रह किया।
यह दोनों बिक्री केन्द्र काफी प्रतिष्ठित क्षेत्रों में स्थित हैं और दोनों शहरों में दूसरे ट्राइब्स इंडिया शोरूम हैं। 1999 में नई दिल्ली के 9 महादेव रोड पर स्थित एकल फ्लैगशिप स्टोर के शुभारंभ के बाद से इन दोनों बिक्री केन्द्रों को शामिल करने के साथ ट्राइब्स इंडिया के अब पूरे भारत में 125 खुदरा बिक्री केन्द्र हैं। कोलकाता और ग्वालियर दोनो बिक्री केन्द्रों में भारत के सभी 27 राज्यों के कला और शिल्प उत्पादों के अलावा विशेष रूप से इस महामारी के दौरान वन-धन उत्पादों एवं प्रतिरक्षा वृद्धि उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
अपने स्वागत भाषण में ट्राइफेड के महानिदेशक प्रवीर कृष्ण ने जानकारी देते हुए बताया कि जनजातीय उत्पादों को बड़े और नए बाजारों तक पहुंचाने, बढ़ावा देने और मदद करने के लिए ट्राइफेड अपने प्रयासों में किस प्रकार वृद्धि कर रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों का सशक्तिकरण ही ट्राइफेड का मुख्य उद्देश्य है और इसे अर्जित करने के लिए सभी प्रयासों को लक्षित किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के "स्थानीय लोगों के लिए मुखर होना" संदेश को आगे बढ़ाते हुए मंत्री महोदय और मंत्रालय की सहायता से ट्राइफेड ने जनजातीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से कई पहल की हैं, जिनका जनजातीय लोगों के जीवन और आजीविका पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने जनजातीय उत्पादकों के लिए ट्राइफेड के विशेष ई-मार्केटप्लेस का उल्लेख किया, जिसका 5 लाख से अधिक जनजातीय उत्पादकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों से जोड़ने के लिए अक्टूबर में शुभारंभ किया गया था। इस प्रकार, ट्राइब्स इंडिया ई-मार्ट प्लेटफॉर्म एक बहुआयामी सुविधा होगी।
विपणन के माध्यम से जनजातीय कारीगरों की आजीविका को बढ़ावा देने और जनजातीय उत्पादन और उत्पादों को सहायता प्रदान करने के लिए अपनी पहल के एक अंग के रूप में, ट्राइफेड के द्वारा देश भर में अपने खुदरा परिचालन का विस्तार करना जारी है। संपूर्ण भारत में जनजातीय समुदायों के आर्थिक कल्याण को प्रोत्साहन देते हुए (विपणन के विकास और अपने कौशल के निरंतर उन्नयन के माध्यम से) जनजातीय लोगों को सशक्त बनाने के अपने मिशन में, जनजातीय कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में ट्राइफेड ने ट्राइब्स इंडिया ब्रांड के तहत खुदरा दुकानों के अपने नेटवर्क के माध्यम से जनजातीय कला और शिल्प वस्तुओं के विपणन के लिए क्रय प्रारंभ किया था। ट्राइफेड देशभर में जनजातीय समुदायों के हितों की रक्षा और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मुख्य उद्देश्य जनजातीय को सशक्त बनाना और उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद करना है।
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