साझी बौद्ध विरासत पर पहली एससीओ ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी आज शुरू हुई

 श्री एम. वेंकैया नायडूभारत के उपराष्ट्रपति और 2020 में शासनाध्यक्षों के एससीओ परिषद के अध्यक्षनेआज नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग प्रारूप में आयोजित शासनाध्यक्षों के एससीओ परिषद (एससीओ सीएचजीकी 19वीं बैठक के दौरान साझी बौद्ध विरासत पर पहली एससीओ ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी की शुरुआत की।

यह एससीओ ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनीएससीओ देशों के सक्रिय सहयोग सेराष्ट्रीय संग्रहालयनई दिल्ली द्वारा पहली बार विकसित और क्यूरेट की गई है। प्रदर्शनी में 3-डी स्कैनिंगवेबजीएल प्लेटफॉर्मवर्चुअल स्पेस यूटीलाईजेशनइनोवेटिव क्यूरेशन एंड नैरेशन मैथडेशन आदि जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को दर्शाया गया है।

इस प्रदर्शनी को https://nmvirtual.in/ के माध्यम से दुनिया भर में देखाजा सकता है।

मध्य एशिया का बौद्ध दर्शन और कला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के देशों को एक-दूसरे से जोड़ता है। यह ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी आगंतुकों को एक ही मंच पर और आरामदायक माहौल में अपने घर से ही एससीओ देशों के बौद्ध कला के पुरावशेषों के अवलोकनसराहना और तुलना करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रस्तुत करता है। वर्तमान महामारी के समय में इस तरह के बहुराष्ट्रीय ऑनलाइन प्रदर्शनी में विभिन्न समुदायों को जोड़नेठीक रखने और कायाकल्प करने की क्षमता है।

यह अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एशिया भर के विभिन्न संग्रहालयों में प्रदर्शित कलात्मक संपदा की झलक देती है और एक उदार ऐतिहासिक ऐतिहासिक समय में फैले बौद्ध धर्म की विभिन्न धाराओं के विकास के साथ गुंथी कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करती है।

इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले संस्थानों में राष्ट्रीय संग्रहालय (नई दिल्ली)भारतीय संग्रहालय (कोलकाता)कजाकिस्तान का राष्ट्रीय संग्रहालयडुन हुआंग अकादमी (चीन)किर्गिज़ गणराज्य का राष्ट्रीय ऐतिहासिक संग्रहालयपाकिस्तान के संग्रहालयस्टेट ओरिएंटल आर्ट म्यूजियममास्को (रूस)राष्ट्रीय संग्रहालय और पुरावशेषों का राष्ट्रीय संग्रहालयताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल शामिल हैं।

आगंतुक 3-डी आभासी प्रारूप में गांधार और मथुरा शैलीनालंदाअमरावतीसारनाथ आदि के भारतीय बौद्ध संपदाओंको देख सकते हैं। पाकिस्तान हॉल में कराचीलाहौरतक्षशिलाइस्लामाबादस्वात और पेशावर के संग्रहालयों से प्रभावशाली गंधार कला सामग्रियों के संग्रह के माध्यम से गौतम बुद्ध के जीवन और बौद्ध कला को दर्शाया गया है। इनमें सिद्धार्थ का उपवास और सीकरी से बुद्ध के पदचिह्नसहरी बहलोई सेध्यानमग्न बुद्धगांधार से श्रावस्ती का चमत्कार आदि शामिल हैं।

स्टेट ओरिएंटल आर्ट म्यूजियममॉस्को की 100 से अधिक वस्तुएंरूस की बौद्ध बरियात कला को प्रतिरूपोंरीति-रिवाजोंमठों की परंपराओं आदि के माध्यम से दर्शाती हैं। डुन हुआंग एकेडमी ऑफ चाइना ने डुन हुआंगकी बौद्ध कला से जुड़ी एक समृद्ध डिजिटल संग्रह के माध्यम से इस प्रदर्शनी में अपना योगदान दिया। इस डिजिटल संग्रहमें शामिल हैं: सरल स्थापत्यदीप्त भित्ति चित्रसजावटी डिजाइनवेशभूषा आदि।

प्राचीन तर्मेज़कराटेपाफैयाजटेपा विरासत स्थलों के बौद्ध कला के चमत्कार उज्बेकिस्तान हॉल में देखे जा सकते हैं। प्रदर्शनी में कजाकिस्तान एवं किर्गिज़स्तान के विभिन्न विरासत स्थलों और संग्रहालयों से दुर्लभ बौद्ध कला वस्तुओं को भी दिखाया गया है। ताजिकिस्तान हॉल का मुख्य आकर्षण अजिना-टेपा से 13 मीटर लंबा लेटा हुआ ‘निर्वाण में बुद्धहै।

राष्ट्रीय संग्रहालयनई दिल्ली ने इस ऑनलाइन 3-डी आभासी प्रदर्शनी को विकसित करके संग्रहालय से जुड़े अनुभवों में एक नया आयाम प्रस्तुत किया है। भारत के प्रधानमंत्री ने 29.11.2020 को अपने ‘मन की बात’ सत्र में सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के अभिनव प्रयासों के लिए राष्ट्रीय संग्रहालयनई दिल्ली की सराहना की।

Comments

मुख्य समाचार

योगी आदित्यनाथ के मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

राज्यपाल से मिले प्रशिक्षु आई0पी0एस0 अधिकारी..

वर्षांत समीक्षा 2018 - मानव संसाधन विकास मंत्रालय