भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2020: युवा वैज्ञानिकों का सम्मेलन, वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में युवाओं को शामिल करने का एक अनूठा कार्यक्रम है- इसमें आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले लोगों को कई अवसरों की जानकारी मिल सकेगी: डॉ. सी.एम.जॉय

 भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ-2020) आभासी मंच पर आयोजित किया जाने वाला सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव है। इस महोत्सव में ऐसे विभिन्न विषयों पर 41 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और जो सीधे समाज व आम जनता से जुड़े हैं। युवा शोधकर्ता और वैज्ञानिक इस विज्ञान महोत्सव के प्रमुख हिस्सेदार होंगे। यह महोत्सव मुख्य रूप से युवा वैज्ञानिकों और छात्रों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया जा रहा है। युवा वैज्ञानिकों का सम्मेलन, महोत्सव के विभिन्न आयोजनों में से एक है। इसमें प्रतिभागी लीक से हटकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित अपने नए विचार सामने लाते हैं और उनका प्रसार करते हैं जो आमलोगों के जीवन को बेहतर बनाने और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

युवा वैज्ञानिकों को बड़ी संख्या में सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और उनके नए विचारों को सबके साथ साझा करने के उद्देश्य से हाल ही में तमिलनाडु के कराईकुडी में स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युत रसायन अनुसंधान संस्थान (सीईसीआरआई) द्वारा एक प्रसार (आउटरीच) कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को सीएसआईआर-सीईसीआरआई के वैज्ञानिकों द्वारा उन्नत विज्ञान के उपकरणों के आधारभूत सिद्धांतों और रणनीतिक क्षेत्रोंक्षरण प्रक्रिया के अध्ययन और नैदानिक स्वास्थ्य सेवाओं में उनके अनुप्रयोगों के बारे में किए जा रहे शोध कार्यों की जानकारी सब तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना था। 

कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-सीईसीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. एम. काथीरेसन द्वारा दिए गए स्वागत भाषण से हुई। अपने अध्यक्षीय भाषण में सीएसआईआर-सीईसीआरआई की निदेशक डॉ. एन. कलइसल्वी ने बुनियादी विज्ञान और उन्नत विषयों के प्रति युवा वैज्ञानिकों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऐसे युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन की आवश्यक भूमिका का भी उल्लेख किया जो युवा वैज्ञानिकों और युवाओं को अपने काम को प्रदर्शित करने तथा अपने साथियों के साथ इन्हें साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। डॉ. कलइसल्वी ने मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय विज्ञान संस्थानबेंगलुरु के प्रोफेसर ई. अरुणन का परिचय भी कराया। प्रो. अरुणन ने "मेकिंग वीक बांड्स,ब्रेकिंग स्ट्रांग बांड्स एंड डिफाइनिंग ऑल:एक्सपेरिमेंट्स विथ सुपरसोनिक वेव्स” पर एक विशेष व्याख्यान दिया। प्रो. अरुणन ने अपनी तरह की पहली स्वदेशी तकनीक पल्स्ड नोजल फूरियर ट्रांसफॉर्म माइक्रोवेव स्पेक्ट्रोस्कोपी के बारे में भी बताया जिसे उन्होंने अपने शोधकर्ताओं के साथ वर्षों के अध्ययन के बाद विकसित किया है। उनकी यह खोज आईआईएसएफ-2020 की आत्मनिर्भर भारत की थीम के साथ सटीक बैठती है।

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