दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 1 नवंबर से स्वच्छ वायु सप्ताह का प्रारम्भ..
दिल्ली सरकार और एनसीआर के चार प्रमुख शहरों के सहयोग से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 01 नवंबर से 05 नवंबर, 2018 तक एक स्वच्छ वायु सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान के अनुपालन, त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 52 टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों को केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री और दिल्ली सरकार के मंत्री के द्वारा संयुक्त रूप से झंडा दिखाकर रवाना किया जाएगा।
यह निर्णय आज सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, श्री सी. के. मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में लिया गया जिसका आयोजन वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए तत्काल कदमों पर चर्चा करने और पटाखों पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करने के लिए किया गया था। बैठक में, इस बात पर जोर दिया गया कि अगले एक सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता के स्तर को गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंचने देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
स्वच्छ वायु सप्ताह के लिए गठित टीमों का नेतृत्व स्थानीय एसडीएम करेंगे जबकि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के वरिष्ठ अधिकारी और सीपीसीबी, एमसीडी और डीपीसीसी के प्रतिनिधि इस टीम में शामिल होंगे। दिल्ली के लिए 44 टीमें होंगी और एनसीआर क्षेत्र के शहरों, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के लिए दो-दो टीमें होंगी। निर्देशों का अनुपालन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा फील्ड टीम को समर्थन दिया जाएगा। सभी डीएम और एमसीडी कमिश्नर अभियान में शामिल होंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि फील्ड टीमों द्वारा दर्ज किए गए उल्लंघनों के मामलों पर त्वरित कार्रवाई हो सके। उल्लंघन के दोहराव के मामले में दोषियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
पटाखों के मुद्दे पर 23.10.2018 को दिए गए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का दिल्ली और एनसीआर में सख्ती से पालन करने का निर्णय लिया गया है। पटाखों को जलाने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में दिए गए समय और स्थानों का सख्ती से पालन किया जाएगा। अब पीईएसओ से उचित अनुमति प्राप्त करने के बाद केवल इको फ्रेंडली पटाखें ही बेचे जा सकेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार एनसीआर क्षेत्र में किसी अन्य प्रकार के पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली पुलिस और गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के डीएम से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि उनके संबंधित क्षेत्रों में यह उपाय सख्ती से लागू किया जाए।
सचिव ने इस बात पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की कि मंत्रालय और सभी हित धारकों द्वारा उठाए गए ठोस प्रयासों के बावजूद वायु की गुणवत्ता में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने प्रदूषण बढ़ाने लिए लिए जिम्मेदार स्थानीय कारणों और लोगों के लिए दृश्यमान कारणों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा दिल्ली को यह निर्देश दिया गया कि वह तुरंत 400 पानी के स्पिंकलर/टैंकरों को तैनात करे। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्माण स्थलों को कुछ दिनों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सरकारी और निजी एजेंसियों के बीच कोई भेद नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि स्थानीय बायोमास और औद्योगिक अपशिष्टों को न जलने दिया जाए और निर्देशों का उल्लंघन करने वाले उद्योग को बंद कर दिया जाए। सी एंड डी अपशिष्ट ले जाने वाले ट्रकों को खुले छत के साथ जाने की अनुमति नहीं दी जाए और इसका उल्लंघन करने पर ट्रक को जब्त कर लिया जाए। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को लेन ड्राइव के लिए एक विशेष अभियान चलाना चाहिए।
इस बैठक में मुख्य सचिव, दिल्ली, विशेष आयुक्त, दिल्ली पुलिस, कमिश्नर, एमसीडी, दिल्ली के विभिन्न जिलों के डीएम और गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के डीएम शामिल हुए।
Comments