मुख्यमंत्री उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के115वें संस्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित हुए
वाले स्वामी विवेकानंद मात्र 39 वर्ष जीवित रहे। उन्होंने ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ का संदेश दिया था। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए। 1857 की क्रांति को स्वातंत्र्य समर के रूप में सम्बोधित करने वाले तथा उस पर लेखनी लिखने वाले वीर सावरकर को 28 वर्ष की आयु में ही दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
‘इस भारत वर्ष में सौ बार मेरा जन्म हो, कारण सदा ही मृत्यु का देशोपकारक कर्म हो’ का उद्घोष करने वाले काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठा0 रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खान तथा राजेंद्र प्रसाद लाहिड़ी जैसे महान क्रांतिकारी युवा ही थे। युवाओं ने जब भी अंगड़ाई ली है, भारत आगे बढ़ा है। भारत ने नया प्रतिमान स्थापित किया है। नए प्रतिमान को स्थापित करने के लिए यह वर्ष उदय प्रताप कॉलेज की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कॉलेज का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। यह राजर्षि की 175 वीं वर्षगांठ का वर्ष भी है। वाराणसी प्राचीन काल से ही शिक्षा का केंद्र रहा है। वाराणसी को आधुनिक शिक्षा का केंद्र बनाने के लिए वर्ष 1909 में उदय प्रताप शिक्षा समिति के माध्यम से नई दिशा प्रदान की गई। यहां सैकड़ों एकड़ भूभाग पर पब्लिक स्कूल, बालिकाओं के संस्थान, महाविद्यालय तथा इंटर कॉलेज आदि का संचालन किया जा रहा है। वाराणसी में यह सब कुछ एक कैंपस के साथ जुड़ा हुआ है। वर्ष 1916 में महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। काशी में शिक्षा की दृष्टि से यह दो महत्वपूर्ण कदम रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की मान्यता के लिए मात्र 20 एकड़ भूमि तथा ग्रामीण क्षेत्र में विश्वविद्यालय की मान्यता के लिए 50 एकड़ भूमि की अनिवार्यता की गई है। पहले से स्थापित संस्थाओं को ईज आफ डूइंग बिजनेस की भावना के अनुरूप मान्यता प्रदान करने के लिए एक पेज के मान्यता पत्र को भरकर उसके साथ शपथ पत्र लगाना चाहिए। इस प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए ऑनलाइन किया जाना चाहिए। टीम बनाकर दावों की जांच की जानी चाहिए। दावे सही पाए जाने पर मान्यता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उदय प्रताप कॉलेज में स्वयं में ऑटोनॉमस केंद्र बनने की क्षमता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि यह संस्थान निजी विश्वविद्यालय के रूप में आवेदन करता है तो किसी भी शिक्षक की सेवा पर इसका विपरीत असर नहीं पड़ने वाला है। सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला अनुदान उसी प्रकार प्राप्त होता रहेगा। शिक्षक संघ तथा सरकार से संवाद बनाते हुए संस्थान द्वारा निर्णय लेकर प्रबंध समिति का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय बनने में देर नहीं लगेगी। आप मान्यता की औपचारिकताओं के लिए सस्टेनेबल मॉडल दे पाएंगे। आपको निर्णय लेने की स्वतंत्रता होगी। मान्यता के लिए आपको जगह-जगह नहीं भटकना पड़ेगा।
आपको नए-नए पाठ्यक्रम के साथ स्वयं को जोड़ना पड़ेगा। इसके माध्यम से कैम्पस में नए आयामों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। आप बहुत सारे सेंटर आफ एक्सीलेंस दे पाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नये भारत का नया उत्तर प्रदेश की संकल्पना के अनुसार हमें नये उतर प्रदेश के नये यूपी कॉलेज के नए कैंपस की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आज का समय क्वालिटी का है। उत्कृष्टता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। यदि आप इस दिशा में आगे बढ़ेंगे तो स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ा पाएंगे। लोग आपके साथ कदम से कम मिलाकर चलने को मजबूर होंगे। हमें ऐसा आदर्श प्रस्तुत करना होगा। शासन के नियम सुशासन की स्थापना तथा सर्व समावेशी समाज के निर्माण के लिए होते हैं। यदि हम नियमों का पालन करेंगे तो कानून पूरा संरक्षण प्रदान करेगा। आगे बढ़ने के लिए अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो0 ए0के0 त्यागी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Comments